नोएडा अथॉरिटी के नए नियम घर खरीदारों के लिए कितना है फायदेमंद, आसान भाषा में समझें पूरी डिटेल्स
इस नए नियम के लागू होने के बाद से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. क्योंकि 'सेल एग्रीमेंट' के लिए आम तौर पर 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का नॉर्मल स्टाम्प पेपर लगता है.
उत्तर प्रदेश सरकार के नए नियम लागू होने से घर खरीदार और बिल्डर की चिंता बढ़ गई है. अब घर की कुल कीमत का 10 फीसदी भुगतान करने पर बिल्डर- खरीदार के लिए ‘रजिस्ट्रेशन एग्रीमेंट’ अनिवार्य कर दिया गया है. इससे घर खरीदारों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. क्योंकि पहले घर खरीदने वालों को सरकारी रिकॉर्ड में इसके पंजीकरण के लिए प्रोपर्टी वैल्यू का 1 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी के रूप में देना होता था. लेकिन, अब घर खरीदारों को इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डॉक्यूमेंटेशन को अंतिम रूप देने के लिए प्रोपर्टी वैल्यू का 1 फीसदी पंजीकरण शुल्क देना होगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक, इस नए नियम लागू होने के बाद से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. क्योंकि ‘सेल एग्रीमेंट’ के लिए आम तौर पर 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का नॉर्मल स्टाम्प पेपर लगता है. हालांकि वर्तमान में, खरीदार और बिल्डर 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर एक प्रारंभिक समझौता करते हैं, जिसमें नोएडा प्राधिकरण केवल डेवलपर द्वारा ऑक्यूपेंसी प्रूव और परियोजना के लिए कंप्लीटनेस प्रूव पत्र प्राप्त करने के बाद ही शामिल होता है.
घर खरीदारों के ऊपर आर्थिक बोझ
हालांकि, रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि इस नए नियम से डेवलपर्स और खरीदारों के बीच पारदर्शिता आएगी. साथ ही स्टाम्प ड्यूटी राजस्व को बढ़ावा मिलेगा. त्रिपक्षीय अनुबंध में संपत्ति, कुल खर्च, भुगतान की शर्तें और कब्जे की तारीख का विवरण शामिल होगा. वहीं, कुछ रियल एस्टेट कारोबारियों का मानना है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा यह नया आदेश उत्तर प्रदेश में घर खरीदारों के ऊपर आर्थिक बोझ डाल सकता है. क्योंकि समझौते पर हस्ताक्षर करने के चरण में सरकार को 6 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने से पहले से ही घर की कीमतों की कुल लागत में इजाफा हो जाता है. इससे घर खरीदना महंगा हो जाएगा.
इनकों भी होगा नुकसान
हालांकि, नए नियम से उन खरीदारों की भी वित्तीय स्थिति पर काफी असर पड़ेगा जो अपनी बुकिंग रद्द करना चाहते हैं, क्योंकि वे पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि मौजूदा प्रावधान नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे और वास्तव में पूरे राज्य में रियल एस्टेट के कारोबार को काफी हद तक रोक देगा. जबकि, अभी रियल एस्टेट राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा बनकर उभरा है.