उत्तर प्रदेश के इस शहर में बदल गया घर खरीदने का नियम, खरीदने से पहले जान लें पूरी जानकारी

नोएडा में घर खरीदारों की सुरक्षा के लिए नोएडा प्राधिकरण ने अब तीन-पक्षीय 'सेल एग्रीमेंट' को अनिवार्य कर दिया है. जैसे ही खरीदार डेवलपर को संपत्ति की लागत का 10 प्रतिशत भुगतान करता है, समझौते पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा. प्राधिकरण का मानना है कि इससे धोखाधड़ी से निजात मिलेगी और ग्राहकों को फायदा होगा.

नोएडा में बदल गया घर खरीदने का नियम Image Credit: Getty Images Editorial

अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं या खरीदने वाले हैं, तो आपको ये नियम जानना बहुत जरूरी है. नोएडा में घर खरीदारों की सुरक्षा के लिए नोएडा प्राधिकरण ने अब तीन पक्षीय ‘सेल एग्रीमेंट’ अनिवार्य कर दिया है. जैसे ही खरीदार डेवलपर को संपत्ति की लागत का 10 प्रतिशत भुगतान करता है, तो समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा.

नोएडा प्राधिकरण के हालिया आदेश के अनुसार, प्रोजेक्ट पूरा होने के बजाय प्रारंभिक भुगतान के समय ही फ्लैट का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. बिल्डर द्वारा खरीदार से 10 प्रतिशत राशि प्राप्त करने के तुरंत बाद तीन पक्षीय समझौते को पंजीकृत कराना होगा.

घर खरीदने वालों को किस तरह मिलेगी मदद

नोएडा प्राधिकरण ने हाल की बैठक में निर्णय लिया कि बिल्डरों को संपत्ति की 10 प्रतिशत राशि मिलने पर खरीदारों के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य फ्लैट खरीदारों की सुरक्षा करना है ताकि उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो.

साथ ही, स्टांप ड्यूटी के माध्यम से राजस्व में बढ़ोतरी करना भी इसका उद्देश्य है. इसके अलावा, प्राधिकरण यह सुनिश्चित करना चाहता है कि खरीदारी की जानकारी उन्हें तुरंत मिले, जिससे घर खरीदने की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और ग्राहकों को कोई परेशानी न हो.

क्यों लिया गया यह फैसला

तीन पक्षों वाला यह समझौता यह सुनिश्चित करेगा कि 10 प्रतिशत जमा करते ही खरीदारों के पास लेन-देन का कानूनी सबूत हो. इस दस्तावेज में संपत्ति की जानकारी, कुल लागत, भुगतान की शर्तें और घर देने की तारीख स्पष्ट रूप से लिखी होगी. विश्लेषकों का मानना है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि डेवलपर्स एक ही घर को बार-बार न बेचें या मनमाने आधार पर समझौते को रद्द न कर सकें.

साथ ही, नोएडा प्राधिकरण को अब हर खरीद-बिक्री के बारे में जानकारी होगी, जिससे टैक्स चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी. यह व्यवस्था मुंबई से अपनाई गई है और इससे आने वाले दिनों में ग्राहकों को लाभ होगा.