नोएडा एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे फेज के लिए 2,053 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा शुरू, 8,400 से ज्यादा परिवारों पर होगा असर

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम जोरो शोरो से हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने तीसरे और चौथे फेज के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है और इसे चार चरणों में साल 2040 तक पूरा किया जाना है.

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट Image Credit: GettyImages

Noida International Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम जोरो शोरो से हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने तीसरे और चौथे फेज के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है और इसे चार चरणों में साल 2040 तक पूरा किया जाना है. पहले फेज में एक रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनाया जा रहा है. यह 1,334 हेक्टेयर जमीन पर बन रहा है.

एविएशन हब बनाया जाएगा

दूसरे फेज में MRO (Maintenance, Repair, and Overhaul) और एविएशन हब बनाया जाएगा. इसके लिए 1,365 हेक्टेयर जमीन ली गई है. अब तीसरे और चौथे फेज के लिए 2,053 हेक्टेयर जमीन ली जानी है. इसमें से 1,857 हेक्टेयर जमीन निजी लोगों की है. इन दोनों फेज में दो और रनवे और एक ग्लोबल एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा.

8,400 से ज्यादा परिवारों पर होगा असर

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट के अनुसार इन फेज में जमीन जाने से करीब 14 गांवों की 8,400 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा. ये गांव थोरा, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर, रामनेर, किशोरपुर, बनवारीबास, परोही, मुकीमपुर शिवरा, जेवर बंगर, साबौता मुस्तफाबाद, अहमदपुर चौरोली, दयानतपुर, बंकापुर और रोही है.

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मुआवजा देने की घोषणा की है

सरकार ने इन लोगों को जमीन के बदले मुआवजा देने की घोषणा की है. तीसरे और चौथे फेज के लिए 4,300 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा दिया जाएगा. यह पहले के फेज से ज्यादा है. सरकार परिवारों को नई जगह बसाएगी. जिला प्रशासन घर-घर जाकर सर्वे करेगी. इससे पता चलेगा कि कितनी जमीन, घर, रोजगार और सुविधाओं पर असर पड़ा है.