पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर को हरी झंडी, लखनऊ से रांची तक इन शहरों को मिलेगा फायदा

पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर (NH-119 A) बनाने की मंजूरी दी. यह 120.10 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क होगी. इसमें कुछ हिस्सा नया (ग्रीनफील्ड) और कुछ हिस्सा पुरानी सड़क को बेहतर करने वाला (ब्राउनफील्ड) होगा.

पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर को हरी झंडी Image Credit: Money 9

Patna-Ara-Sasaram Corridor: बिहार में बहार है. पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार में पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर (NH-119 A) बनाने की मंजूरी दी. यह 120.10 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क होगी. इसमें कुछ हिस्सा नया (ग्रीनफील्ड) और कुछ हिस्सा पुरानी सड़क को बेहतर करने वाला (ब्राउनफील्ड) होगा. इसे हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) से बनाया जाएगा. इसकी लागत 3,712.40 करोड़ रुपये है.

इस तरह के मॉडल में सरकार 40 फीसदी पैसा निर्माण के दौरान देती है. बाकी 60 फीसदी निजी कंपनी लगाती है. सड़क बनने के बाद कंपनी 15 साल तक उसकी देखभाल करती है और सरकार से हर साल पैसा लेती है. इसमें कुल 2,989.08 करोड़ रुपये निर्माण और 718.97 करोड़ रुपये जमीन खरीदने में खर्च होंगे.

इन्हें मिलेगा फायदा

बिहार में पटना, आरा और सासाराम के बीच पुरानी सड़कें जैसे SH-2, SH-12, SH-81, SH-102 बहुत ही व्यस्त हैं. इन पर ट्रैफिक की वजह से 3-4 घंटे लगते हैं. आरा, ग्रहणी, पिरो, बिक्रमगंज, मोकरी, सासाराम जैसे कस्बों में जाम लगता है. यह नई सड़क इस समस्या को हल करेगी. यह सड़क रोजाना 17,000-20,000 गाड़ियों को तेज और आसान रास्ता देगी. यह पटना, लखनऊ, रांची, वाराणसी को जोड़ेगी. साथ ही NH-19, NH-319, NH-922 जैसे बड़े रास्तों से जुड़ेगी.

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पर्यटकों को भी होगा फायदा

इससे पटना, कैमूर, औरंगाबाद की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. पर्यटकों को भी फायदा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि यह दो हवाई अड्डों (पटना और बिहटा), चार रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना), एक जल टर्मिनल और पटना रिंग रोड से जुड़ेगी. साथ ही, इससे 48 लाख दिन की नौकरियां मिलेंगी. इस प्रोजेक्ट से सीधे 22 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 26 लाख स्थानीय लोगों की जिंदगी सुधारेगी.