NCR के इस शहर में प्रॉपर्टी की कीमत छूएगी आसमान, 2030 तक 50% तक महंगी हो जाएगी जमीन
यूपी के जेवर में एयरपोर्ट बनने की वजह से यहां प्राॅपर्टी के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में प्राॅपर्टी की कीमत 40 फीसदी तक बढ़े हैं, आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी.
यूपी का जेवर इन दिनों चर्चा का केंद्र है. यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने के बाद से इस क्षेत्र में रियल एस्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ा है. तेजी से आबादी के शिफ्ट होने की वजह से यहां प्रॉपर्टी के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया की सोमवार को जारी रिपोर्ट ‘इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मेगा प्रोजेक्ट्स – द की एनेबलर्स ऑफ अर्बन एक्सपेंशन इन इंडिया’ में कहा गया है कि 2030 तक जेवर टाउनशिप में जमीन की कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है.
कोलियर्स के मुताबिक यूपी में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित यह छोटा-सा शहर जेवर एयरपोर्ट की वजह से सबसे तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट माइक्रो-मार्केट में से एक के रूप में उभरा है. यही वजह है कि पिछले पांच सालों में यहां जमीन की कीमतों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आने वाले समय में इसमें और इजाफा होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि जेवर में एयरपोर्ट के अलावा मेट्रो विस्तार और थीम सिटी प्रोजेक्ट जैसे आर्थिक विकास की वजह से यहां ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं. बता दें 1,334 एकड़ में फैला जेवर एयरपोर्ट पर अभी काम चल रहा है, जिसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
किस वजह से बढ़े दाम?
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में शहरीकरण के लिए सबसे बड़ा जरिया है. दिल्ली, नोएडा और आगरा के शहरी केंद्रों को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे के साथ इसे विकसित करना इसे व्यापक बनाता है. वाईईआईडीए, इंटरनेशनल फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसे सरकारी पहलों ने जेवर को एक टाउनशिप के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है.
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पिछले 5 वर्षों में जमीन की कीमत में लगभग 1.4 गुना वृद्धि की है, जो 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फीट (2020-2024) हो गई है. 2030 तक जमीन की कीमत और बढ़कर 10,482 रुपये प्रति वर्ग फीट हो सकती है.