नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ने वाली है प्रॉपर्टी की कीमत, जल्द लागू होगा नया सर्किल रेट

अगर आप नोएडा या ग्रेटर नोएडा में आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी खऱीदने का मन बना रहे हैं तब आपको उनकी रेट में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए नए सर्किल रेट जल्दी ही लागू किए जाएंगे. नोएडा जिला प्रशासन अगले सप्ताह तक सर्किल रेट लागू करने की तैयारी में है.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी Image Credit: @Tv9

Property rate in Noida and Greater Noida: आगामी कुछ समय में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमत में उछाल देखी जा सकती है. इसको लेकर नए सर्किल रेट जल्द ही लागू किए जाएंगे. नोएडा जिला प्रशासन, अगले सप्ताह तक नए सर्किल रेट लागू करने की तैयारी में है. जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सोमवार को 5 अप्रैल तक मिले सभी सुझाव और आपत्ति को मूल्यांकन दर की सूची में शामिल करने के लिए कहा. वहीं दूसरी ओर फ्लैट खरीदारों ने रजिस्ट्री न होने तक नए सर्किल रेट लागू नहीं करने की गुहार लगाई है.

जिला प्रशासन को मिली आपत्तियों में फ्लैट खरीदारों ने खास कर के अपने भविष्य को लेकर चिंता जताई है. खरीदारों ने प्रशासन से कहा कि जब तक उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो जाती है, तब तक उस क्षेत्र में नए सर्किल रेट को लागू न किया जाए.

क्या है खरीदारों की मांग?

खरीदारों ने जिला प्रशासन को अपनी आपत्ति सौंपी इससे इतर उन्होंने डीएम को बताया कि तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में ऐसे करीब 1 लाख से अधिक खरीदार है जिन्हें फ्लैट पर कब्जा मिल चुका है. वह खरीदार वहां कई सालों से रह रहे हैं लेकिन बिल्डर का  बकाया न चुकाने के कारण उन्हें आज तक उन फ्लैट्स पर मालिकाना हक नहीं मिल सका है.

ऐसी स्थिति में नए सर्किल रेट की प्रस्तावित दरों के मुताबिक, तकरीबन 20 फीसदी बढ़ोतरी होने से उन पर आर्थिक बोझ का नया पहाड़ टूट पड़ेगा.  इससे इतर, गौतमबुद्ध नगर के बॉर्डर वाले जिलों में राजस्व ग्रामों की कृषि वाली जमीनों की दरों और जिले के भीतर राजस्व ग्रामों की दर- जो आसपास है, उन्हें भी एक समान रखने की मांग की है.

क्या है नए प्रस्तावित रेट?

प्रस्तावित नए सर्किल रेट के मुताबिक नोएडा में फ्लैट की रजिस्ट्री 20 और ग्रेटर नोएडा में 30 फीसदी महंगी होने जा रही है. इससे इतर, दूसरे तरह की संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर भी 10 फीसदी से 25 फीसदी महंगा हो जाएगा. इसके अलावा, जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह प्रस्तावित मूल्यांकन दर की लिस्ट में लिखे वृक्षों की दरों का जांच कर उनकी सूची को उपलब्ध कराए.