पंजाब-हरियाणा में हाईवे का सफर हुआ महंगा, 5 से 15 रुपये बढ़ाया गया टोल टैक्‍स

1 अप्रैल से देशभर के विभिन्‍न टोल प्‍लाजा में बढ़ी हुई शुल्‍क दरें लागू हो गई है. पंजाब और हरियाणा में भी टोल टैक्‍स बढ़ाया गया है. इससे लगभग 50 से ज्‍यादा टोल प्‍लाजा प्रभावित होंगे, तो दरों में कितनी की गई बढ़ोतरी और कहां-कहां बढ़ेंगे रेट, यहां चेक करें पूरी डिटेल.

पंजाब-‍हरियाण में महंगा हुआ टोल टैक्‍स Image Credit: money9

Toll Plaza Hike: अगर आप पंजाब, हरियाणा या हिमाचल प्रदेश में हाईवे पर सफर करते हैं, तो आपको इसके लिए ज्‍यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. दरअसल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इन रूटों के लिए टोल टैक्स की दरें बढ़ा दी हैं. इसमें 5 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. इससे 50 से ज्यादा टोल प्लाजा प्रभावित होंगे. बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल यानी आज से लागू हो गई हैं.

किन टोल प्‍लाजा पर देना होगा ज्‍यादा शुल्‍क?

NHAI की ओर से टोल शुल्‍क में की गई बढ़ोतरी के बाद ट्राइसिटी (चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला) के आसपास के टोल प्लाजा पर नई दरें लागू हो गई हैं. ऐसे में जीरकपुर-पटियाला सेक्शन (NH-07) पर अजीजपुर टोल प्लाजा, NH-64 पर धरेरी जट्टन टोल, खरड़-लुधियाना सेक्शन (NH-5) पर भगोमाजरा टोल, चंडीगढ़-खरड़-लुधियाना सेक्शन (NH-5) पर घुलाल टोल और साहा-बरवाला-पंचकूला सेक्शन (NH-07 और NH-344) पर जलोली टोल प्लाजा पर अब ज्यादा टोल देना होगा. हालांकि, चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर डप्पर टोल प्लाजा इस लिस्ट से बाहर है, तो वहां पुराने रेट ही बरकरार रहेंगे.

कितना बढ़ा टोल टैक्स?

अजीजपुर टोल प्लाजा पर ट्रक और बसों के लिए एक दिन में आने-जाने का टोल 5 रुपये बढ़ गया है. हालांकि कार, जीप और वैन वालों के लिए राहत है, उनके टोल शुल्‍क में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि हल्के वाहनों के लिए 5 रुपये और भारी वाहनों के लिए 10 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है.

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50 से ज्‍यादा टोल प्‍लाजा पर नई दरें लागू

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आशिम बंसल का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में 50 से ज्यादा टोल प्लाजा पर नई दरें लागू की गई हैं. बता दें टोल की दरें हर साल थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर महंगाई को देखते हुए बढ़ाई जाती हैं, जो नेशनल हाईवे फी रूल्स 2008 के तहत होता है. BOT (टोल) प्लाजा की दरें सितंबर में रिवाइज होती हैं. टोल की गणना हाईवे के टाइप, लंबाई, स्ट्रक्चर और बायपास जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखकर की जाती है.