देश के 7 शहरों में 28 फीसदी तक घट सकती है घरों की बिक्री, हाई प्राइस के चलते नहीं मिल रहे खरीदार
Housing Sales Data: टॉप 7 शहरों में बिना बिकी इन्वेंट्री साल-दर-साल आधार पर 4 फीसदी घटकर 2025 की पहली तिमाही तक लगभग 5.60 लाख यूनिट रह गई. पुणे में सबसे अधिक 16 फीसदी की गिरावट देखी गई, बेंगलुरु में 28 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. औसत प्रॉपर्टी की कीमतें सालाना 17 फीसदी बढ़ीं.
Housing Sales Data: देश के प्रमुख सात शहरों में घरों की बिक्री में गिरावट आई है. एनारॉक के अनुसार, जनवरी-मार्च की अवधि में सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 28 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. घरों की बिक्री में कमी आने के पीछे हाई प्राइस और ग्लोबल अनिश्चितता जैसे फैक्टर हैं, जिसके कारण 93,280 यूनिट रह गई है. प्रमुख हाउसिंग ब्रोकरेज में से एक रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक ने कहा कि रेसिडेंशियल घरों की कीमतों में आसमान छूती बढ़ोतरी और जियो-पॉलिटिकल तनाव ने 2025 की पहली तिमाही में भारतीय रेसिडेंशियल मार्केट की तेजी को धीमा कर दिया है.
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 में कुल घरों की बिक्री 93,280 यूनिट रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 1,30,170 इकाई से 28 फीसदी कम है.
घरों की बिक्री में कितनी गिरावट की उम्मीद
- दिल्ली-एनसीआर में बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है, जो 15,650 यूनिट से घटकर 12,520 यूनिट रह जाएगी.
- मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 42,920 यूनिट से 26 फीसदी घटकर 31,610 यूनिट रह जाने का अनुमान है.
- बेंगलुरू में घरों की बिक्री 17,790 यूनिट से 16 फीसदी घटकर 15,000 यूनिट रह जाने का अनुमान है.
- पुणे में बिक्री 22,990 यूनिट से 30 फीसदी घटकर 16,100 यूनिट रह सकती है.
- हैदराबाद में घरों की बिक्री 19,660 यूनिट से 49 फीसदी घटकर 10,100 यूनिट रह जाने का अनुमान है.
- चेन्नई में बिक्री 5,510 यूनिट 26 फीसदी घटकर 4,050 यूनिट रह जाने का अनुमान है.
- इस साल जनवरी-मार्च में कोलकाता में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 31 फीसदी घटकर 3,900 यूनिट्स रह जाने का अनुमान है. पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 5,650 यूनिट्स रहा था.
आउटलुक पॉजिटिव
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि भारत का ओवरऑल आर्थिक आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है. जीडीपी ग्रोथ रेट ग्लोबल लेवल पर सबसे अधिक रहने का अनुमान है और महंगाई दर कंट्रोल में है. हालांकि, घरों की बढ़ती कीमतें और मौजूदा जियो-पॉलिटिकल तनाव तथा कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसी ग्लोबल चुनौतियों ने भारत के आवासीय बाजार की गतिविधियों पर असर डाला है. ये फैक्टर 2025 की पहली तिमाही में रेसिडेंशियल मार्केट में भी असर डालेंगे.
करेक्शन के संकेत
रिपोर्ट पर कमेंट करते हुए कंस्ट्रक्शन फर्म बीसीडी समूह के सीएमडी अंगद बेदी ने कहा कि हाउसिंग यूनिट की बिक्री में गिरावट बाजार में करेक्शन का संकेत है. प्रॉपर्टी फर्स्ट के फाउंडर और सीईओ भावेश कोठारी ने कहा कि आवासीय रियल एस्टेट सेगमेंट में मांग साइक्लिक है, लेकिन उन्होंने कहा कि संभावित ग्राहकों की ओर से इंक्वायरी मजबूत बनी हुई है.
एयू रियल एस्टेट के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने कहा कि डेवलपर्स के रूप में हम इसे वैल्यू ड्रिवेन और हाई क्वालिटी वाले घरों को वितरित करने पर ध्यान केंद्रित करने के अवसर के रूप में देखते हैं, जो खरीदारों की बदलती प्राथमिकताओं को पूरा करते हैं.
मार्केट में करेक्शन से बनेगा मौका
बाजार में करेक्शन लगातार ग्रोथ और इनोवेशन का रास्ता तैयार करते हैं. इससे सप्लाई और डिमांड के बीच एक स्वस्थ संतुलन सुनिश्चित होता है. वे आवासीय रियल एस्टेट सेगमेंट में भविष्य की वृद्धि के बारे में सकारात्मक रहे. हाल ही में रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी ने भी कहा कि 9 प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च के दौरान आवास की बिक्री सालाना 23 फीसदी घटकर लगभग 1.06 लाख यूनिट रह सकती है.
फिर से उभरेगा बाजार
सीआरसी ग्रुप के मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट के डायरेक्टर सलिल कुमार ने कहा कि 2-3 साल की हाई ग्रोथ के बाद रियल एस्टेट सेक्टर कंसोलिडेशन फेज में है. भले ही घरों बिक्री और नए लॉन्च में थोड़ी कमी आई है, लेकिन सेक्टर फिर से उभरेगा.