रियल एस्टेट में सुस्ती! नहीं लॉन्च हो रहे नए प्रोजेक्ट्स, रजिस्ट्रेशन में 21 फीसदी की गिरावट
Real Estate प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त गिरावट आई है, जिसका मतलब है कि डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च नहीं कर रहे हैं. हालांकि पिछले दो साल में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आई थी, लेकिन अब डेवलपर्स सावधान हो गए हैं. जाने क्या है वजह और प्रोजेक्ट्स में कितनी गिरावट दर्ज हुई?
Real Estate: रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में गिरावट आ गई है. इसका मतलब डेवलपर्स ज्यादा प्रोजेक्ट्स नहीं ला रहे. 2022 में रजिस्ट्रेशन 25,230 थे जो 2023 में घटकर 22,143 और 2024 में और गिरकर 19,760 पर आ गए हैं. इसका मतलब है कि रियल एस्टेट डेवलपर्स अब पहले की तरह नए प्रोजेक्ट शुरू नहीं कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि पिछले दो साल में रियल एस्टेट सेक्टर में बहुत तेजी आई थी, लेकिन अब डेवलपर्स थोड़े सावधान हो गए हैं.
ET की रिपोर्ट के अनुसार, एनएसई में लिस्टेड डेटा एनालिटिक्स फर्म PropEquity के आंकड़े बताते हैं कि डेवलपर्स अब नए प्रोजेक्ट्स को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं. इसलिए 2024 में रियल एस्टेट रजिस्ट्रेशन घट कर 19,760 पर आ गए हैं.
क्यों घटी रजिस्ट्रेशन की संख्या?
कोविड-19 महामारी के बाद, बढ़ते प्रॉपर्टी लेन-देन और कीमतों में उछाल की वजह से 2022 और 2023 में नए प्रोजेक्ट्स की रजिस्ट्रेशन संख्या में तेजी आई थी. लेकिन 2024 में कीमतें स्थिर होने के कारण नए लॉन्च में गिरावट देखी गई है.
RERA लागू होने का भी हुआ असर
रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 से 2024 के बीच, जबसे रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) लागू हुई है, टॉप 10 राज्यों में कुल 1,19,000 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर हुए हैं.
किन राज्यों में हुआ सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन:
- महाराष्ट्र: 48,047 प्रोजेक्ट (कुल रजिस्ट्रेशन का 40%)
- तमिलनाडु: 19,987 प्रोजेक्ट (17%)
- गुजरात: 16,265 प्रोजेक्ट (14%)
- इसके अलावा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान भी प्रमुख राज्यों में शामिल हैं.
2020 और 2022 के बीच, RERA में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स की संख्या में 145% की वृद्धि हुई थी. लेकिन 2022 से 2024 के बीच इसमें 21% की गिरावट आई. 2020 में सबसे कम प्रोजेक्ट्स रजिस्टर हुए थे.
RERA का प्रभाव और रियल एस्टेट में पारदर्शिता
रिपोर्ट में PropEquity के फाउंडर के हवाले से बताया गया कि RERA का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण रहा है. इससे डेवलपर्स में कम्प्लायंस बढ़ा है और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आई है.