ये रियल एस्टेट कंपनियां सीनियर सिटीजन के लिए लॉन्च कर रही हाउसिंग प्रोजेक्ट्स
भारत में सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स की मांग में तेजी आ रही है, और कई रियल एस्टेट कंपनियां इस सेगमेंट में उतरने की तैयारी कर रही हैं. जैसे कि GMR, प्रेस्टीज, कनोडिया, जेके अर्बनस्केप्स, त्रेहन आइरिस और स्टोनक्राफ्ट जैसे बड़े ग्रुप्स सीनियर लिविंग सेगमेंट में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
Real Estate: भारत में युवाओं की बढ़ी हुई संख्या मतलब जाहिर तौर पर आने वाले समय में सीनियर सिटीजन की संख्या भी ज्यादा होगी. कई सीनियर सिटीजन अकेले रहते हैं ऐसे में उनके हिसाब से घर हो तो उनके लिए ज्यादा बेहतर होगा. नई रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद से सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स यानी सीनियर सिटीजनंस के लिए घरों की मांग में काफी इजाफा हुआ है, और इसके बाद से अब कई रियल एस्टेट कंपनियां इस सेगमेंट में उतरने की तैयारी कर रही हैं. जैसे कि GMR, प्रेस्टीज, कनोडिया, जेके अर्बनस्केप्स, त्रेहन आइरिस और स्टोनक्राफ्ट जैसे बड़े ग्रुप्स सीनियर लिविंग सेगमेंट में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
ईटी की रिपोर्ट में रियल एस्टेट इंडस्ट्री के हवाले से बताया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए घरों के प्रोजेक्ट्स की मांग में तेजी है और कई कंपनियां अब इस ओर भी ध्यान दे रही है.
कौन सी कंपनी लॉन्च कर रही प्रोजेक्ट्स
रिपोर्ट के अनुसार, स्टोनक्राफ्ट ग्रुप ने हाल ही में हैदराबाद में अपना पहला प्रीमियम असिस्टेड लिविंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जो कि सीनियर लिविंग के लिए एक नए तरीके की शुरुआत है. इस प्रोजेक्ट के जरिए, स्टोनक्राफ्ट ग्रुप सीनियर लिविंग को एक नए स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें प्रीमियम और मैनेज्ड लिविंग सॉल्यूशंस शामिल हैं जो हमारी बढ़ती उम्र की आबादी की जरूरतों को पूरा करते हैं.
JK Urbanscapes, जेके ग्रुप की रियल एस्टेट कंपनी है, इसने भी इस सेगमेंट में एंट्री ली है और गुरुग्राम के सेक्टर 50 में एक 2.6 एकड़ का सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट, अद्वैत नाम से विकसित करने की योजना बनाई है. इस कंपनी को अभिषेक सिंघानिया प्रमोट कर रहे हैं और वे नेशनल कैपिटल रीजन में दो-तीन सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स विकसित करने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा, वे हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे अन्य बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं.
GMR ग्रुप भी हैदराबाद के एयरोसिटी में एक सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट विकसित करने की तैयारी कर रहा है, जो कि इस सेगमेंट में एक नए तरीके की शुरुआत होगी.
2050 तक सीनियर सिटीजन की संख्या: 34 करोड़
भारत में 2050 तक सीनियर पॉपुलेशन दोगुना से अधिक होने की संभावना है, जो 2024 में 15.5 करोड़ से बढ़कर 34.6 करोड़ हो जाएगी. इसके लिए सीनियर लिविंग सुविधाओं की जरूरत होगी, जो अभी भी बहुत कम है.
रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया ने पाया है कि 26.7% शहरी बुजुर्ग अकेले रहते हैं, जो कि उनके पति या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नहीं होते हैं. यह एक बड़े डिमांड-सप्लाई गैप को दर्शाता है, जिसे पूरा करने के लिए स्पेशलाइज्ड सीनियर लिविंग सॉल्यूशंस की जरूरत है.
कोलियर्स के अनुसार, भारत में सीनियर हाउसिंग की वर्तमान उपलब्धता केवल 1% पेनेट्रेशन रेट है, जो कि एक बड़े डिमांड-सप्लाई गैप को दर्शाता है. जबकि दूसरी ओर, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में सीनियर लिविंग मार्केट पहले से ही स्थापित हैं.