क्या घर खरीदने का है अभी सही वक्त, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में रेपो रेट में कटौती की. इससे आने वाले दिनों में ब्याज दरों पर भी असर दिखने को मिलेगा. लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि रेपो रेट कम होने से होम लोन लेने वालों को फायदा होगा. उन्हें पहले के मुकाबले कम EMI देने पड़ेंगे.
अतुल मोंगा: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट कम कर दिया. इससे आने वाले दिनों में होम लोन ब्याज दरें भी कम होने की उम्मीद है. इसका फायदा सभी सेक्टर से जुड़े लोगों को होगा. लेकिन होम लोन लेने वालों को उम्मीद है कि रेपो रेट कम होने से उन्हें कुछ ज्यादा ही फायदा होगा. उन्हें EMI में काफी हद तक राहत मिलेगी. ऐसे में आज हम जानते हैं रेपो रेट कम होने से होम लोन पर क्या असर पड़ेगा.
हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी से 25 बीपीएस कम कर 6.25 फीसदी कर दिया है. मोनेट्री पॉलिसी कमेटी ने पांच सालों में पहली बार यह कटौती की है, जिससे होम लोन लेने वालों को फायदा होगा. साथ ही इकोनोमी अधिक स्टेबल होगी और रियल एस्टेट में निवेश की संभावना बढ़ेगी. उनके मुताबिक, आरबीआई के इस कदम से होम लोन लेने वालों का सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा. इस तरह ईएमआई कम होने से उनका लोन सस्ता हो जाएगा.
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20 साल के लिए लोन लेने पर EMI
अतुल मोंगा ने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 20 लाख का लोन लिया. इस पर ब्याज दर 8.75 फीसदी है. तो आपकी मौजूदा ईएमआई तकरीबन 17,674 रुपये होगी. अब नई रेट से आपकी मासिक ईएमआई कम होकर 17,356 रुपये हो जाएगी, जिससे कुल 76,259 रुपये की बचत होगी. और अगर आप मौजूदा राशि का ईएमआई भुगतान करते रहते हैं तो आपका लोन पांच महीने पहले ही खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि वे लोग जो प्रॉपर्टी की कीमतें और ब्याज दर ज़्यादा होने की वजह से घर खरीदने का फैसला नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए यह निश्चित रूप से फायदे का सौदा है. क्योंकि उन्हें अब सस्ता लोन मिल सकता है. हालांकि जरूरी है कि फैसला लेने से पहले अन्य आवश्यक पहलुओं पर विचार कर लें जैसे मार्केट के ट्रैन्ड, लोकेशन और आपकी अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी.
लोन को रिफाइनेंस कराने पर करें विचार
अतुल मोंगा के मुताबिक, मौजूदा ग्राहकों को ऐसा लग सकता है कि रेपो रेट कम होने से ईएमआई में बहुत ही मामूली कमी आ रही है. लेकिन आपने सुना ही होगा ‘एक एक पैसे की बचत मायने रखती है. इसलिए ईएमआई में थोड़ी बचत करके भी आप लम्बी अवधि में बड़ी बचत कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको बेहतर दर पर रिफाइनेंस के विकल्प भी मिल सकते हैं.
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हाउसिंग सेक्टर के लिए है अनुकूल
आरबीआई होम फाइनेंस को आसान बनाकर इकॉनोमी को गति प्रदान करना चाहता है. इससे हाउसिंग सेक्टर में मांग बढ़ेगी. खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं के विकास के चलते प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. ऐसे में लोन की लागत कम होने से उपभोक्ताओं पर दबाव कम होगा, खासतौर पर महानगरों में जहां प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं.
(लेखक बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)