Room Rent: डबल डिजिट में बढ़ रहा है इन शहरों में रूम रेंट, जानें सबसे महंगा कौन

मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में रूम रेंट मानों आसमान छू रहा हो. यहां रूम के रेंट में साल-दर-साल बढ़ोतरी ही देखने को मिलती है. अनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 की तुलना में साल 2025 में रूम के किराए में 9.2 फीसदी से 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

इन शहरों में बढ़ रहा डबल से रूम रेंट Image Credit: FREEPIK

Room Rent: देश के बड़े शहरों में रूम रेंट को लेकर काफी अस्थिरता देखी जाती है. मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में रूम रेंट मानों आसमान छू रहा हो. यहां रूम के रेंट में साल-दर-साल बढ़ोतरी ही देखने को मिलती है. एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 की तुलना में साल 2025 में रूम के किराए में 9.2 फीसदी से 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. इस बढ़ोतरी का कारण अधिक से अधिक लोगों का शहरों की ओर प्रवास, हाई क्वालिटी वाले आवासों की कमी और शहरों में हाई फैसिलिटी की बढ़ती डिमांड है. एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा के सेक्टर 150 (Noida Sector 150) में किराए में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई, जबकि मुंबई के चेंबूर उपनगर में रूम रेंट में सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई है.

डबल डिजिट से बढ़ रहा रूम रेंट

आंकड़ों के अनुसार, मुंबई और कुछ हद तक चेन्नई को छोड़कर, देश के दूसरे सभी बड़े शहरों में किराए में डबल डिजिट की बढ़ोतरी देखी गई है. जहां मुंबई में किराए की कीमतें 10 प्रतिशत से कम बढ़ीं, वहीं चेन्नई में वृद्धि 9.4 से 10.3 फीसदी के बीच रही है. बेंगलुरु के सरजापुर इलाके में औसत रूम रेंट 2024 में 16.8% बढ़ा, जबकि थाणीसंद्रा में लगभग 11% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, सोहना रोड पर किराए में 12.2% की वृद्धि हुई, जबकि नोएडा के सेक्टर 150 में यह 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

क्या हैं कारण

द गार्जियन रियल एस्टेट एडवाइजरी के सह-संस्थापक और CEO ने शहरों में डबल डिजिट में बढ़ते रूम रेंट का कारण बताया कि “बढ़ते हुए घर के किराए मजबूत शहरी आवासीय मांग को दर्शाते हैं, जो आर्थिक गतिविधियों और प्रवास की प्रवृत्तियों से प्रेरित है.” उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद घर खरीदने की इच्छा में काफी वृद्धि हुई है, जिससे नए घरों में माडर्न फैसिलिटी की मांग बढ़ी है. पिछले कुछ सालों में घरों की हाई डिमांड के कारण कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे मकान मालिक अपने निवेश पर अधिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. नतीजतन, आवासीय किराए में पिछले तीन सालों में लगभग 30% की वृद्धि हुई है.

बजट 2025 और किराए की इनकम पर TDS

केंद्रीय बजट 2025 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) की वार्षिक सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की घोषणा की है. यह समायोजन टीडीएस के अधीन लेन-देन की संख्या को कम करने और छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने के उद्देश्य से किया गया है. यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा. यदि मासिक किराया भुगतान 50,000 रुपये से अधिक है या माह के किसी भी भाग में है, तो उस पर टीडीएस काटना अनिवार्य होगा.

इन्हें मिलेगा लाभ

इस परिवर्तन का प्रभाव उन व्यक्तियों पर पड़ेगा जो TDS के अधीन किराए के लेन-देन में शामिल हैं, जिसमें आवासीय, कामर्शियल या दूसरी संपत्तियों से संबंधित लेन-देन शामिल हैं. यह नया नियम मकान मालिकों, विशेष रूप से छोटे मकान मालिकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ देगा, जो वार्षिक रूप से 6 लाख रुपये से कम किराया कमा रहे हैं, क्योंकि अब किरायेदारों को किराए पर टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा, कम किराया भुगतान करने वाले किरायेदारों को टीडीएस कटौती और जमा से जुड़ी कागजी कार्रवाई और अनुपालन जिम्मेदारियों में कमी का लाभ मिलेगा.

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