यूपी में आम आदमी को बड़ी राहत, नक्शा पास कराए बिना ही बना पाएंगे घर और दुकान
उत्तर प्रदेश सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. आवास निर्माण के नए नियमों के तहत अब 1000 वर्ग फीट तक के आवासीय और 300 वर्ग फीट तक के व्यावसायिक भूखंडों पर निर्माण के लिए अब नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं है.

पंकज चतुर्वेदी: उत्तर प्रदेश में अब आम लोगों के लिए घर बनाना आसान हो गया है. यूपी सरकार के आवास विभाग ने नई नियमावली को मंजूरी दी है. नए नियमों के मुताबिक अब 1000 वर्ग फीट के आवासीय प्लॉट पर घर बनाने के लिए नक्शा पास नहीं कराना होगा. इसी तरह 300 वर्ग फीट के कॉमर्शियल प्लॉट पर निर्माण के लिए भी नक्शा पास कराने जरूरत नहीं होगी.
घर में चलेगा दफ्तर
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को भी खासी राहत दी है, जो घर में दफ्तर चलता हैं. नए नियमों के मुताबिक नर्सरी, क्रेच, होमस्टे, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, वकील अपने घर के 25 फीसदी हिस्से का कॉमर्शियल इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका जिक्र नक्शे में अलग से करने की जरूरत नहीं होगी. पहले घर के नक्शे में दफ्तर के बारे में जानकारी देनी होती थी.
आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट मान्य
नए नियमों के मुताबिक अब 5000 वर्ग फीट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फीट तक के कॉर्मशियल प्लॉट पर निर्माण के लिए रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट ही नक्शे के लिए मान्य होगा. इसके अलावा 24 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे बने मकान में दुकान या दफ्तर खोला जा सकेगा और 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क के किनारे स्थित प्लॉटों पर बनने वाली इमारत की ऊंचाई का प्रतिबंध भी हटा दिया गया है.
तय समय में पास होगा नक्शा
यूपी सरकार के नए नियमों के तहत अब नक्शा पास कराने के लिए अलग-अलग विभागों के लिए 7 से 15 दिन की समय सीमा तय कर दी गई है. अगर तय समय में विभाग से मंजूरी नहीं मिलती है, तो समय बीतने पर संबंधित विभाग की एनओसी स्वत: मान ली जाएगी. वहीं, 300 वर्ग फुट तक के कॉर्मिशयल प्लॉट और 1000 फुट तक के आवासीय प्लॉटों पर निर्माण शुरू करने के लिए अब भूखंड स्वामी को विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद के पोर्टल पर केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
अस्पताल और स्कूल को बनानी होगी पार्किंग
नए नियमों के तहत अब 1000 वर्ग मीटर जमीन पर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाई जा सकेगी. पहले 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के प्लॉट पर ही अपार्टमेंट बनाने की इजाजत दी गई थी. इसके अलावा स्कूल और अस्पताल को खोलने वालों को पर्याप्त पार्किंग बनानी होगी. स्कूल में पिक और ड्रॉप जोन भी बनाना होगा, जिससे स्कूल खुलने और छुट्टी के समय सड़कों पर जाम लगने की समस्या खत्म हो सके.
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