YEIDA ने इस अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बनाई कमेटी, 4600 होमबायर्स का सपना होगा पूरा
YEIDA ने जेपी एसोसिएट्स के अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए कमेटी बनाई, जिससे 4,600 होमबायर्स को राहत मिलेगी. हाईकोर्ट ने सख्त निर्माण समयसीमा तय की है, जबकि फरवरी 2020 से मार्च 2025 तक की अवधि को ‘जीरो पीरियड’ घोषित कर ब्याज और पेनल्टी माफ कर दी गई है. YEIDA जल्द ही नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा और रिफंड पॉलिसी लागू करेगा.

Housing Projects: यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है. इससे करीब 4,600 फंसे हुए होमबायर्स को राहत मिलने की उम्मीद है. यह कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई है, जिसमें यूपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रमुख सचिव, यूपी-रेरा चेयरपर्सन, YEIDA के सीईओ और एक होमबायर्स प्रतिनिधि शामिल हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी तीन महीने के अंदर डिवेलपर्स के चयन के लिए आरएफपी (रिप्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करेगी. होमबायर्स को उनकी प्रॉपर्टी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के मूल कीमत पर ही मिलेगी. वहीं, YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि हमने हाईकोर्ट के आदेश को स्वीकार कर लिया है और सभी निर्देशों का पालन करेंगे. होमबायर्स को कोई अतिरिक्त रकम नहीं देनी होगी.
ये भी पढ़ें- 1 अप्रैल से मिट्टी में मिल जाएंंगे लाखों रुपये के स्टांप पेपर, खून के आंसू रो रहे घर खरीदार, ऐसे पड़ रही दोहरी मार
2,500 करोड़ रुपये निवेश किए
यह मामला 2008 से जुड़ा है, जब YEIDA ने जेपी एसोसिएट्स को स्पेशल डेवलपमेंट ज़ोन पॉलिसी के तहत 1,000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी. इसमें फॉर्मूला वन बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट समेत एक स्पोर्ट्स सेंट्रिक जोन विकसित किया जाना था. जबकि, 4 सितंबर 2017 तक, जेपी एसोसिएट्स (JAL) का दावा था कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट में 2,500 करोड़ रुपये निवेश किए हैं, जिसमें रेस सर्किट का निर्माण भी शामिल था.
केवल 5.5 फीसदी निर्माण ही पूरा किया
हालांकि, YEIDA का आरोप था कि जेपी ने समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया, जिससे विवाद पैदा हुआ. फरवरी 2020 में जब अथॉरिटी ने JAL की जमीन का आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की, तो कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख किया. यहीं से यह लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हुई. सुनवाई के दौरान, YEIDA ने प्रोजेक्ट का सर्वे कराया और कोर्ट में दलील दी कि JAL ने 2,500 करोड़ रुपये के निवेश का दावा किया, लेकिन केवल 5.5 फीसदी निर्माण ही पूरा किया. इसी वजह से जमीन आवंटन रद्द किया गया.
ज्यादातर खरीदारों ने 2011-2012 के बीच अपने फ्लैट बुक किए थे, जिनकी डिलीवरी 2014 में होनी थी. वे पहले ही 95 फीसदी तक भुगतान कर चुके हैं. वहीं, हाईकोर्ट ने सख्त समयसीमा तय की है, जो प्रोजेक्ट 75 फीसदी पूरे हैं, उन्हें एक साल में पूरा करना होगा. 50 फीसदी पूरे प्रोजेक्ट को 18 महीने, 25 फीसदी को 30 महीने और बाकी सभी को 36 महीने में पूरा करना अनिवार्य होगा.
ये भी पढ़ें- देश में कैसे मिलेगा सबको घर, TV9 के महामंच पर मिला जवाब
जीरो पीरियड घोषित किया गया
होमबायर्स के हितों की रक्षा के लिए, फरवरी 2020 से 10 मार्च 2025 तक की अवधि को ‘जीरो पीरियड’ घोषित किया गया है. इस दौरान खरीदारों को ब्याज या पेनल्टी का भुगतान नहीं करना होगा. YEIDA जल्द ही एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जो बकाया भुगतान और निर्माण के लिए आवश्यक फंड की व्यवस्था देखेगा. YEIDA जिन प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगा, उनमें जेपी ग्रीन्स बोगनविलिया, कंट्री होम्स, ग्रीनक्रेस्ट होम्स, क्राउन्स, कोव, बुद्ध सर्किट स्टूडियोज, कसिया, स्पोर्ट्सविल और विला एक्सपांजा शामिल हैं. इसके अलावा, मॉनिटरिंग कमेटी उन खरीदारों के लिए एक एग्जिट पॉलिसी भी तैयार करेगी, जो रिफंड लेना चाहते हैं.
Latest Stories

नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करने के लिए अब देना होगा ज्यादा टोल, जानें ट्रक किराए पर कितना पड़ेगा असर

गौरी खान ने बेचा मुंबई का अपना लग्जरी अपार्टमेंट, जानें- कितने करोड़ में हुई डील

कालिंदी कुंज से यमुना एक्सप्रेसवे तक का सफर होगा जाम-मुक्त, नोएडा अथॉरिटी बनाएगी नया कॉरिडोर

पंजाब-हरियाणा में हाईवे का सफर हुआ महंगा, 5 से 15 रुपये बढ़ाया गया टोल टैक्स



