SEBI आनंद राठी से खफा! पहले IPO की अर्जी की खारिज, अब ठोका मोटा जुर्माना

बाजार नियामक सेबी ने ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी को एक ही महीने में दूसरा झटका दिया है. सेबी ने इसी महीने 20 जनवरी को जहां आनंद राठी ग्रुप की कंपनी Anand Rathi Share and Stock Brokers के आईपीओ आवेदन को खारिज कर दिया था, वहीं अब नियमों के उल्लंघन के मामले में जुर्माना लगाया है.

सेबी Image Credit: Pavlo Gonchar/SOPA Images/LightRocket/@Getty Images

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार 30 जनवरी को ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी पर नियमों के उल्लंघन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. सेबी की तरफ से जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया है कि कंपनी को फंड्स के गलत तरीके से इस्तेमाल के मामले में कंपनी को दोषी पाया गया है. इससे पहले 20 जनवरी को सेबी ने आनंद राठी ब्रोकरेज ग्रुप की कंपनी आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स की तरफ से आईपीओ की मंजूरी के लिए दायर DRHP को खारिज कर दिया था.

कंपनी ने पिछले वर्ष दिसंबर में आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट (DRHP) जमा कराया था. लेकिन, बाजार नियामक सेबी ने बिना कोई कारण बताए कंपनी के आईपीओ आवेदन को खारिज कर दिया था. अब 10 दिन बाद कंपनी के खिलाफ फंड्स के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई की गई है.

एक्सचेंजों की जांच के बाद आया आदेश

सेबी का यह आदेश सेबी स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरी की तरफ से मिलकर 25 नवंबर, 2021 से 15 दिसंबर, 2021 के दौरान की गई जांच के नतीजों के आधार पर आया है. BSE-NSE और डिपॉजिटरी ने रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड की अकाउंट बुक और अन्य रिकॉर्डों की जांच की, जिसमें सामने आया कि फर्म ने फंड्स का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है.

फंड्स का कैसे गलत इस्तेमाल हुआ

एक्सचेंजों व डिपॉजिटरी की तरफ से की गई जांच के आधार पर सेबी ने अपनी जांच में पाया कि ब्रोकरेज फर्म ने क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट के फंड का इस्तेमाल डेबिट बैलेंस क्लाइंट को रकम चुकाने या अपने खुद के काम लिया. सेबी के नियमों के मुताबिक कोई भी ब्रोकर किसी क्लाइंट के क्रेडिट फंड का इस्तेमाल किसी दूसरे उद्देश्य के लिए नहीं कर सकता है. सेबी की जांच के मुताबिक दुरुपयोग की गई राशि 22.07 लाख से 16.36 करोड़ के बीच में रही है. जांच की अवधि के दौरान ब्रोकरेज फर्म ने कई बार इस तरह नियमों का उल्लंघन कर क्लाइंट के क्रेडिट बैलेंस का इस्तेमाल दूसरे क्लाइंट्स के डेबिट ऑब्लिगेशन पूरा करने में किया.

कितने का लगा जुर्माना

सेबी ने जांच में ब्रोकरेज फर्म को फंड के गलत इस्तेमाल का दोषी पाए जाने के बाद 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही 45 दिन के भीतर यह जुर्माना जमा कराने के लिए कहा गया है. अगर फर्म इस आदेश पालन नहीं करती है, तो सेबी की तरफ से और कठोर कार्रवाई की जा सकती है.