RVNL, हीरो और पॉलीकैब समेत 5 दिग्गज कंपनियों की बदल सकती है कैटेगरी, जानिए किन पर लटकी है तलवार
ये बदलाव न सिर्फ म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को प्रभावित करेंगे बल्कि स्टॉक्स की डिमांड और वोल्यूम पर भी असर डाल सकते हैं. मिडकैप बनने से कई कंपनियों पर निवेशकों का भरोसा घट सकता है या कुछ के लिए यह नई एंट्री का मौका बन सकता है। अब सबकी निगाहें जुलाई के पहले हफ्ते पर टिकी हैं, जब AMFI इस महत्वपूर्ण बदलाव की आधिकारिक घोषणा करेगा.

शेयर बाजार के निवेशकों और म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के लिए जुलाई 2025 बेहद अहम साबित हो सकता है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की नियामक संस्था AMFI (Association of Mutual Funds in India) जुलाई के पहले हफ्ते में बड़ी कैटेगरी बदलाव की घोषणा कर सकती है. हर साल की तरह इस बार भी बड़ी, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स की रीकैटेगराइजेशन की जाएगी, जिससे निवेश की दिशा और रणनीति पर बड़ा असर पड़ेगा. रीकैटेगराइजेशन का मतलब है कि कंपनियों को उनके वैल्यूएशन के आधार पर मिड. लार्ज या स्मॉल कैप घोषित किया जा सकता है.
AMFI की नई सीमा क्या हो सकती है?
Nuvama Alternative Research की रिपोर्ट के अनुसार, AMFI इस बार लार्जकैप की सीमा घटाकर 91,100 करोड़ रुपये और मिडकैप की सीमा 29,200 करोड़ रुपये तय कर सकती है. पिछली बार दिसंबर 2024 में लार्जकैप का स्तर 1 लाख करोड़ रुपये और मिडकैप का 33,200 करोड़ रुपये था.
कौन-कौन सी कंपनियां हो सकती हैं प्रभावित?
अगर Nuvama के अनुमान सटीक साबित होते हैं और AMFI वाकई में अपनी सीमा घटाता है, तो कुछ जानी-मानी कंपनियों का क्लासिफिकेशन बदल सकता है.
- रेल विकास निगम लिमिटेड (Rail Vikas Nigam Ltd), जिसकी मौजूदा बाजार पूंजी 73,048 करोड़ रुपये है, अब लार्जकैप से हटकर मिडकैप की सूची में आ सकती है.
- हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp), जो अभी भी निवेशकों के बीच एक मजबूत ऑटोमोबाइल ब्रांड के रूप में जानी जाती है, उसकी मार्केट कैप 73,201 करोड़ रुपये होने के चलते अब मिडकैप में शामिल होने की संभावना है.
- इंडियन ओवरसीज़ बैंक (Indian Overseas Bank), जिसकी बाजार पूंजी 71,037 करोड़ रुपये है, उसे भी मिडकैप कैटेगरी में डाला जा सकता है.
- पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड (Polycab India) की बाजार पूंजी 75,791 करोड़ रुपये है और ऐसे में उसका भी स्थान लार्जकैप से हटाकर मिडकैप में किया जा सकता है.
- इसी तरह, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential Life Insurance) जिसकी मौजूदा मार्केट कैप 80,482 करोड़ रुपये है, उसका नाम भी संभावित रूप से मिडकैप की सूची में आ सकता है.
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इसके अतिरिक्त, बॉश (Bosch), स्विगी (Swiggy), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (NTPC Green Energy) और डाबर इंडिया (Dabur India) जैसी कंपनियां, जो फिलहाल बॉर्डरलाइन लार्जकैप स्टॉक्स मानी जा रही हैं, उनकी भी रीकैटेगराइजेशन हो सकती है और उन्हें मिडकैप में डालने की संभावना जताई गई है.
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