Anil Ambani का रिलायंस कैपिटल पर बड़ा फैसला, क्या एक साल से बंद ट्रेडिंग फिर होगी शुरू
Anil Ambani की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने डीलिस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए कंपनी ने BSE और NSE पर एप्लिकेशन दिया है. हाल ही में, इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) रिलायंस कैपिटल के रेजोल्यूशन के लिए सफल बिडर के रूप में उभरी. 27 फरवरी, 2024 को IIHL के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी गई थी, लेकिन लेन-देन को पूरा करने की समय-सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई है.
Reliance capital: कर्ज के बोझ तले दबी अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल ने स्टॉक एक्सचेंजों में डीलिस्टिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनी ने मॉनिटरिंग कमेटी की मंजूरी के बाद BSE और NSE में अपने इक्विटी शेयरों को डीलिस्ट करने के लिए एप्लिकेशन दिया है. इसके अलावा, कंपनी ने अपने नॉन-कन्वर्टेबल डिबेंचर को BSE से डीलिस्ट करने की भी मांग की है. डी-लिस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के फीर से ट्रेडिंग संभव हो सकेगा. मॉरीशस स्थित इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) रिलायंस कैपिटल के रेजोल्यूशन के लिए सफल बिडर के रूप में उभरी है, जिसने 9,650 करोड़ रुपये की पेशकश की. इसके बाद, IIHL ने बिड अमाउंट के अलावा कंपनी की सॉल्वेंसी बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
मुंबई में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 27 फरवरी, 2024 को IIHL के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी. लेन-देन को पूरा करने की समय-सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई.
कर्ज खत्म करने पर जोर
रिलायंस कैपिटल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ एक कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है, जिसके पास रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस मनी, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस जैसी कई संस्थाएं हैं. नवंबर 2021 में, आरबीआई ने पेमेंट संबंधी मुद्दों को लेकर हस्तक्षेप किया और रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को बदलते हुए नागेश्वर राव वाई को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया.
उन्होंने कंपनी को संभालने के लिए बिड आमंत्रित किए थे. अपने शेयरों को डीलिस्ट करके और IIHL जैसे संभावित निवेशकों के साथ जुड़कर, कंपनी का लक्ष्य अपने ऑपरेशन्स को स्थिर करना और अपने कर्ज को पूरा करना है.
क्या कहना है IIHL के चेयरमैन का
इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने कहा कि रिलायंस कैपिटल की डीलिस्टिंग कर्ज में डूबी इस वित्तीय कंपनी के अधिग्रहण की दिशा में अंतिम मील के पत्थरों में से एक है. उन्होंने कहा, “यह अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में लास्ट माइल स्टोन है.” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि रेजोल्यूशन प्रक्रिया के तहत रिलायंस कैपिटल अपने शेयरों को डीलिस्ट कराने के लिए शेयर बाजारों से संपर्क कर रही है.