BSE स्टॉक पर लगाया था बड़ा दांव अब घटा दिया टारगेट प्राइस, Goldman Sachs ने बताई वजह
GoldMan Sachs ने BSE Stocks के लिए अपना टार्गेट प्राइस घटाया दिया है क्योंकि बीएसई को बाजार में झटका लगा है और इसके शेयर की कीमत गिर गई है. बीएसई का ऑप्शंस मार्केट शेयर घट गया है, जिससे इसकी कमाई पर सीधा असर पड़ सकता है.
BSE Stocks Target Price: ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म Goldman Sachs ने हाल ही में BSE स्टॉक्स पर बड़ा दांव लगाया है लेकिन अब इसे लेकर फर्म ने इसका टारगेट प्राइस घटा दिया है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि BSE लिमिटेड को बाजार में झटका लगा है. इसके शेयर की कीमत गिरी गई है, इसलिए ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs ने इसका टारगेट प्राइस घटा दिया है. यहां जानें BSE स्टॉक्स के साथ क्या हुआ है और गोल्डमैन सैक्स ने कितना टारगेट प्राइस घटाया है.
BSE स्टॉक का टारगेट प्राइस
BSE पर बड़ा दांव लगाने के बाद गोल्डमैन सैक्स ने BSE स्टॉक का टारगेट प्राइस 13 फीसदी घटाकर 4,230 रुपये कर दिया है. खबर लिखे जाने तक इसके शेयर की कीमत हरे निशान में कारोबार कर रही है और प्राइस 4,327.35 रुपये पर है जो 0.66 फीसदी ऊपर है.
BSE स्टॉक पर क्यों पड़ा नेगेटिव असर
BSE स्टॉक के साथ हुआ ये है कि 1 जनवरी 2025 से, NSE ने साप्ताहिक ऑप्शंस की एक्सपायरी गुरुवार कर दी है, जबकि BSE की एक्सपायरी मंगलवार को बनी हुई है. इस बदलाव ने BSE के ऑप्शंस मार्केट शेयर पर नेगेटिव असर डाला है. हालांकि, शुरुआत में BSE को फायदा हुआ था. दिसंबर 2024 में इसका इंडेक्स ऑप्शंस प्रीमियम शेयर 16% से बढ़कर जनवरी-फरवरी 2025 में 20-22% हो गया.
लेकिन Goldman Sachs का मानना है कि BSE के ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स में उतनी लिक्विडिटी नहीं आई, जितनी उम्मीद थी.
BSE के लिए यह क्यों जरूरी है?
BSE की कुल कमाई का लगभग 50% ऑप्शंस ट्रेडिंग से आता है. अगर मार्केट शेयर घटता है, तो इसका सीधा असर कंपनी की कमाई पर पड़ सकता है. Goldman Sachs का मानना है कि BSE का ऑप्शंस मार्केट शेयर अक्टूबर 2025 तक 0.30% तक बढ़ सकता है, लेकिन एक्सपायरी में और कोई बदलाव न होने से ग्रोथ पर संदेह है.
BSE के शेयर क्यों गिरे?
पिछले सेशन में BSE के शेयर 3.5% गिर गए, क्योंकि निवेशकों को मार्केट शेयर में संभावित नुकसान की चिंता है. यह गिरावट तब आई जब NSE ने घोषणा की कि सभी फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी अब सोमवार को होगी.
4 अप्रैल 2025 से, Nifty Index के साप्ताहिक F&O कॉन्ट्रैक्ट्स अब गुरुवार की बजाय सोमवार को एक्सपायर होंगे. मंथली कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी महीने के आखिरी सोमवार को होगी.