Citi Research की रिपोर्ट, तहलका मचाएगा Vodafone-Idea का शेयर; 12 रुपये तक जा सकता है भाव

Vodafone-idea के मौजूदा शेयर धारकों के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं. Citi Research की रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन-आईडिया का शेयर प्राइस 76 फीसदी तक बढ़ सकता है. कर्ज में डूबी कंपनी के शेयर प्राइस पर सिटी रिसर्च ने बाय रेटिंग का रुख बरकरार रखा है.

वोडाफोन-आइडिया Image Credit: Kabir Jhangiani/NurPhoto via Getty Images

Vodafone-Idea को वित्तीय संकट से उबारने के लिए भारत सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99% करने का फैसला लिया है. असल में स्पेक्ट्रम नीलामी की बकाया राशि को इक्विटी शेयरों में बदला जाना तय हुआ है. इसके तहत कंपनी की तरफ से सरकार को 36,950 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे.

सिटी की रिपोर्ट में क्या कहा?

सिटी रिसर्च ने वोडाफोन आइडिया पर अपनी “Buy/High Risk” रेटिंग को बरकरार रखते हुए कहा है कि सरकार की तरफ से कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99% करने से बैलेंस शीट को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही सिटी रिसर्च ने 12 महीने में शेयर प्राइस के लिए 12 रुपये का टार्गेट रखा है, जो शुक्रवार को शेयर भाव के हिसाब से 76% अपसाइड है. ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की बढ़ी हुई हिस्सेदारी से वोडाफोन आइडिया का तत्काल वित्तीय दबाव कम हो गया है, लेकिन कंपनी को अभी भी नई पूंजी जुटाने और अपने 4जी और 5जी नेटवर्क का विस्तार करने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

सरकार को किस भाव पर जारी होंगे शेयर?

AGR बकाये को इक्विटी में बदलने के फैसले के तहत वोडाफोन-आइडिया की तरफ से सरकार को जो शेयर जारी किए जाएंगे, उनका भाव 10 रुपये प्रति शेयर होगा, जो इसके करंट मार्केट प्राइस से 47% ज्यादा है. इसके अलावा नए शेयर जारी किए जाने के बाद वोडाफोन आइडिया में सरकार की कुल हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर 49% हो जाएगी. इस तरह सरकार कंपनी की सबसे बड़ी शेयर होल्डर होगी. हालांकि, कंपनी का ऑपरेशन कंट्रोल प्रमोटरों के पास ही रहेगा.

सरकार ने वोडाफोन को कैसे बचाया?

भारत सरकार की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी सितंबर 2021 के दूरसंचार सुधार पैकेज के बाद हुई है, जिसने संघर्षरत ऑपरेटरों को स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने की अनुमति दी थी. वोडाफोन आइडिया सरकार को 36,950 करोड़ रुपये के 3,695 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, जिससे वह प्रभावी रूप से सबसे बड़ी शेयरधारक बन जाएगी. सरकार ने वोडाफोन को AGR बकाये को इक्विटी में बदलने का यह विकल्प ऐसे समय में दिया है, जब कंपनी नकदी की कमी के चलते रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से प्रतिस्पर्धा में पीछे छूट रही है.

इंडस टावर को भी होगा फायदा

सिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वोडाफोन आइडिया अपने ऑपरेशन स्थिर कर लेती है, तो इंडस टावर्स को भी इसका लाभ होगा, क्योंकि VI की तरफ से भुगतान में होने वाली देरी के कारण टेलीकॉम टावर सर्विस देने वाली यह कंपनी भी दबाव में है. ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल की तिमाहियों में कंपनी की स्थिति स्थिर हो गई है. आगे चलकर इसमें सुधार होना चाहिए, क्योंकि कंपनी को एक बड़े बकाया से मुक्ति मिली है.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.