CLSA ने इन 4 Stocks पर दी सलाह, जानें किसे खरीदें और किसे बेचें
CLSA ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि 2025 में शेयर बाजार में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में कुछ बदलाव करने चाहिए. रिपोर्ट में डिफेंसिव स्टॉक्स पर फोकस करने पर जोर दिया गया. साथ ही अपने पोर्टपोलियो से इस एक स्टॉक को हटाने की सलाह दी है...
नए साल में शेयर बाजार का डिटेल एनालिसिस करने बाद इंवेस्टमेंट ग्रुप CLSA ने शेयर बाजार को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया कि इस साल बाजार में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है. इसकी वजह है ग्लोबल फैक्टर्स. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि Nifty Index से केवल सीमित रिटर्न मिलने की उम्मीद ही की जा सकती है. ऐसे में पोर्टफोलियो में क्या बदलाव कर सकते हैं, किन शेयरों को रख सकते हैं, स्टॉक्स को लेकर क्या सलाह है, और किस एक शेयर को पोर्टफोलियो से हटाने की सलाह मिली है. चलिए जानते हैं.
किन स्टॉक्स पर फोकस: पोर्टफोलियो में क्या बदलाव?
इन कंपनियों को शामिल किया गया है:
- NTPC: पावर सेक्टर में मजबूत स्थिति और नए प्रोजेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए इसे जोड़ा गया है.
- Tata Motors: हालिया गिरावट के बाद यह शेयर कम वैल्यू पर उपलब्ध है. हालांकि, इसके कमर्शियल व्हीकल और Jaguar Land Rover बिजनेस में रिस्क बने हुए हैं.
- Nestle India: मजबूत फंडामेंटल और हाल में शेयर की कीमतों में गिरावट इसे आकर्षक बनाती है.
- Britannia Industries: Nestle की तरह, इसे भी डिफेंसिव कंजंप्शन स्टॉक मानते हुए शामिल किया गया है.
इस कंपनी को हटाया गया:
HDFC Bank: इसे पोर्टफोलियो से हटाया गया है क्योंकि इसका वैल्यूएशन ज्यादा है और आरबीआई द्वारा ब्याज दरें घटाने की संभावना भी है.
अन्य प्रमुख शेयर: Reliance Industries, Tata Consultancy Services (TCS), ICICI Bank, ITC
CLSA के इस पोर्टफोलियो के प्रदर्शन की बात करें तो जनवरी 2021 से यह पोर्टफोलियो 186.7% का रिटर्न दे चुका है.
इन स्टॉक्स पर रखें नजर
बाजार को लेकर महत्वपूर्ण पॉइंटर्स
- CLSA के अनुसार, हाई वैल्यूएशन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं 2025 में भारतीय बाजार के प्रदर्शन को सीमित करेंगी.
- कंज्यूमर स्टेपल (जैसे रोजमर्रा के उपयोग के प्रोडक्ट्स) और सस्ते कंजंप्शन सेक्टर को प्राथमिकता दी जा रही है. सरकारी खर्च और ग्रामीण इनकम में सुधार इन सेक्टरों को समर्थन देगा.
- कई बड़ी कंपनियां अभी भी अपने ऐतिहासिक औसत से ज्यादा वैल्यूएशन पर हैं, NSE 200 के आधे से ज्यादा शेयर अपने 52-हफ्ते के उच्चतम स्तर से 20% नीचे ट्रेड कर रहे हैं. ऐसी बड़ी कंपनियों पर ध्यान दें जिनके शेयर की कीमत गिरी है, लेकिन उनके फंडामेंटल मजबूत हैं. डिफेंसिव स्टॉक्स पर फोकस करें, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान स्थिर रिटर्न दे सकें.
- अमेरिका में नई सरकार की संभावित नीतियों और डॉलर की मजबूती के कारण भारतीय
- एक्सपोर्ट पर दबाव पड़ सकता है.
- फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम है, आरबीआई की नई लीडरशिप, अगर महंगाई कम होती है, तो ब्याज दरें घटा सकती है.
- सरकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों की आय बढ़ने की उम्मीद है, जिससे सस्ते उपभोक्ता प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी.
डिसक्लेमर– Money9live किसी भी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ शेयरों के बारे में जानकारी दी गई है. निवेश से पहले जरूरी है कि आप किसी वित्तीय सलाहकार की राय लें.