Ease My Trip के को-फाउंडर निशांत पिट्टी फिर बेचेंगे हिस्सेदारी, 7 फीसदी गिरे शेयर

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर Ease My Trip को-फाउंडर निशांत पिट्टी ब्लॉक डील के माध्यम से कंपनी में अपनी शेष 14.21% हिस्सेदारी बेचने जा रहे हैं. इसके चलते ईजमाईट्रिप के शेयरों में आज, यानी साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर को गिरावट दर्ज की गई है. यह ब्लॉक डील 780 करोड़ रुपये की होगी.

ईज माई ट्रीप के शेयर Image Credit:

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर ईज माई ट्रिप की मूल कंपनी ईजी ट्रिप के को-फाउंडर निशांत पिट्टी ने ब्लॉक डील के जरिए कंपनी में अपनी बची हुई 14.21% हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है. इस खबर के बाद, Ease My Trip के शेयर में आज 31 दिसंबर को शुरूआती कारोबार (10 बजे ) में 7.81% की गिरावट दर्ज की गई है. यह ब्लॉक डील 780 करोड़ रुपये की होगी.

ब्लॉक डील

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, निशांत पिट्टी 15.6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 50 करोड़ शेयर बेचेंगे. इस लेनदेन में CRAFT इमर्जिंग मार्केट फंड PCC-सिटाडेल कैपिटल फंड, CRFT इमर्जिंग मार्केट फंड PCC एलीट कैपिटल, नेक्सपैक्ट लिमिटेड, मल्टीट्यूड ग्रोथ फंड्स लिमिटेड, और एमिनेंस ग्लोबल फंड जैसे संस्थागत निवेशकों के भाग लेने की संभावना है.

पहले भी हिस्सेदारी बेची गई

इससे पहले, 25 सितंबर को, निशांत पिट्टी ने कंपनी के 14% यानी 24.65 करोड़ शेयर बेचे थे. ये शेयर 37.11 रुपये से 38.28 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर बेचे गए थे, जिससे कंपनी को 920 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 17% की गिरावट आई है.

कंपनी के बारे में

साल 2008 में स्थापित, EaseMyTrip.com भारत का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म है. इसे तीन भाइयों, निशांत पिट्टी, रिकांत पिट्टी और प्रशांत पिट्टी ने शुरू किया था. शुरुआत में कंपनी ने ड्यूक ट्रैवल के माध्यम से अपनी सेवाएं दीं.

कैसे शुरू किया निशांत पिट्टी ने Ease My Trip

निशांत और उनके भाई रिकांत पिट्टी ने शुरुआत में अपने पिता की यात्राओं के लिए खुद हवाई टिकट बुक करते थे. ताकि वे पैसे बचा सकें. धीरे-धीरे, उन्होंने इस काम में इतनी कुशलता हासिल कर ली कि उन्हें इसमें एक बिजनेस का आइडिया नजर आया. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने इस विचार को हकीकत में बदल दिया. साल 2014-15 तक उनकी कंपनी Ease My Trip की बिक्री 1300 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यह पोर्टल सस्ते हवाई टिकट और किफायती ट्रैवल पैकेज उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था. 17 और 19 साल की उम्र में, दोनों भाइयों ने शौकिया तौर पर टिकट बुकिंग शुरू की, लेकिन यही काम धीरे-धीरे करोड़ों के बिजनेस में बदल गया. हालांकि उन्होंने इसकी शुरुआत केवल पैसे बचाने के मकसद से की थी, लेकिन पिट्टी भाइयों की मेहनत और सस्ती यात्रा सेवाएं देने के उनके अनोखे आइडिया ने इसे एक बड़ा बिजनेस बना दिया.

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