क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए आसान होगा कारोबार, सेबी ने नियमों में किया बदलाव
सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए कारोबार आसान बनाने के लिए अपने नियमों बदलाव किया है. इस संबंध में सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में बदलावों और उन्हें लागू करने की टाइमलाइन के बारे में बताया गया है.
भारतीय इक्विटी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार 7 जनवरी को एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें क्रेडिट रेटिंग एजेसियों के लिए कारोबार को सुगम बनाने के लिए सेबी ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. इस सर्कुलर में सेबी ने इन बदलावों के बारे में बताते हुए बदलावों के लागू होने की टाइमलाइन के बारे में बताया है. सेबी के सर्कुलर के मुताबिक इन बदलावों से रेटिंग प्रोसेस और पब्लिकेशन प्रोटोकॉल के लिए मानक तय होंगे.
सेबी ने सबसे बड़ा बदलाव कम्प्लायंस डेडलाइन को लेकर किया है. इसे “दिनों” के बजाय अब “कार्य दिवसों” के तौर पर परिभाषित किया है. इससे रेटिंग ऐजेंसियो के लिए अपना काम करना आसान होगा. सेबी के मुताबिक ये बदलाव क्रेडिट रेटिंग एजेंसी पर बनाए गए एक वर्किंग ग्रुप की सिफारिशों के बाद किए गए हैं, इसमें मौजूदा समयसीमाओं के कारण आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया था. खासतौर पर डेज और वर्किंग डेज की स्पष्टता नहीं होने से एजेंसियों के लिए मुश्किल खड़ी हो रही थी.
सर्कुलर के मुताबिक संशोधित नियमों के तहत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को किसी भी इवेंट के सात वर्किंग डेज के भीतर रेटिंग एक्शन पर प्रेस रिलीज जारी करना जरूरी होगा. पहले यह समयसीमा सात कैलेंडर डेज की थी. इसी तरह, ऋण सेवा में देरी के मामलों में रेटिंग की समीक्षा के लिए, समयसीमा को दो कैलेंडर डेज की जगह दो वर्किंग डेज में बदल दिया गया है.
इसके अलावा सेबी ने लगातार तीन महीने तक नो-डिफॉल्ट स्टेटमेंट (एनडीएस) जमा न करने के चलते रेटिंग एजेंसी को जारीकर्ता सहयोग नहीं कर रहा “Issuer Not Cooperating” के रूप में टैग करने की समय-सीमा को भी संशोधित किया है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को अब यह कार्रवाई सात कैलेंडर डेज के बजाय पांच वर्किंग डेज के भीतर करनी होगी.
सेबी के ये बदलाव इश्यूअर की तरफ से ऋण सेवा के लिए पुष्टि प्रोटोकॉल को भी प्रभावित करते हैं. अगर तय डेट के बाद एक वर्किंग डे में पुष्टि नहीं होती है, तो रेटिंग एजेंसी को तुरंत आगे की कार्रवाई करते हुए दो वर्किंग डेज में प्रेस विज्ञप्ति जारी करनी होगी. इसके साथ ही सेबी ने कहा कि ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. इन्हें क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के ऑपरेशन को आसान बनाने के लिए किया गया है. सेबी का पूरा सर्कुलर यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं.