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विदेशी निवेशकों को रास नहीं आ रहा भारतीय शेयर बाजार, ये है कारण – लेकिन क्या होगी आगे की राह?
विदेशी निवेशकों के लिहाज से देखें तो भारतीय शेयर बाजार की स्थिति ठीक नहीं है, विदेशी निवेशक लगातार अपना पैसा बाहर निकाल रहे हैं. लेकिन अब आगे क्या हो सकता है?
FII को रास नहीं आ रहा भारतीय बाजार अक्टूबर में विदेशी निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 94,000 करोड़ रुपये की बड़ी रकम निकाल ली, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इससे पहले मार्च 2020 में FPIs ने शेयर बाजार से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे. वहीं इस साल सितंबर में FPIs ने 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो नौ महीनों में सबसे ज्यादा था.
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बाजार की मौजूदा स्थिति
जून से लेकर अब तक FPIs ने भारतीय शेयरों में लगातार निवेश किया, लेकिन अक्टूबर में उनकी बिकवाली ने बाजार को झटका दिया और प्रमुख इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से लगभग 8% गिर गए.
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FPIs की बिकवाली के कारण
भारतीय शेयरों की कीमतें ज्यादा होने की वजह से विदेशी निवेशकों ने चीन की ओर रुख किया, जहां शेयरों की कीमतें फिलहाल ज्यादा आकर्षक लग रही हैं. इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने पैकेज जारी किया जिससे चीन के शेयर बाजार की ओर विदेशी निवेशकों का झुकाव बढ़ गया है.
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घरेलू निवेशकों ने संभाल रखा है
वित्तीय सेक्टर में बड़ी बिकवाली हुई है, हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) और हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) ने इसे संभाल लिया, जिससे यह सेक्टर स्थिर बना रहा.
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आगे क्या होगा?
FPIs का भारतीय शेयर बाजार में निवेश अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर निर्भर करेगा, जैसे- कई देशों के बीच जारी संघर्ष, ब्याज दरों में बदलाव, चीन की अर्थव्यवस्था का विकास, और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव. इसके साथ ही, घरेलू फैक्टर भी हैं जैसे महंगाई, कॉर्पोरेट कमाई और त्योहारों के सीजन की मांग पर भी FPIs की नजर रहेगी.