विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला जारी, फिर बेचे 792 करोड़ रुपये के शेयर
13 मार्च को FII ने 792 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि DII ने 1,723 करोड़ के शेयर खरीदे. वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते निफ्टी 22,397.20 पर बंद हुआ. ऑटो और आईटी शेयरों में गिरावट से बाजार कमजोर रहा. अमेरिका व भारत में महंगाई दर उम्मीद से कम रही, जिससे ब्याज दर कटौती की संभावना बढ़ी.

Foreign investors: 13 मार्च को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII/FPI) ने शुद्ध रूप से 792 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,723 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. प्रोविजनल डेटा के अनुसार, इस दौरान एफआईआई ने कुल 11,601 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 12,394 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. वहीं, डीआईआई ने 10,032 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,308 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इस साल अब तक एफआईआई ने कुल 1.64 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई ने 1.77 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.
13 मार्च को भारतीय शेयर बाजार कमजोर नोट पर बंद हुआ, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताओं ने भारत और अमेरिका में नरम महंगाई दर से मिली राहत को दबा दिया. खासकर ऑटोमोबाइल और आईटी शेयरों में गिरावट ने निफ्टी और सेंसेक्स पर दबाव बनाया. हालांकि, बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी, क्योंकि अमेरिका में उम्मीद से कम महंगाई दर आने से निवेशकों में उम्मीद जगी कि फेडरल रिजर्व के पास ब्याज दरों में कटौती की और ज्यादा गुंजाइश हो सकती है.
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महंगाई दर घटकर 3.61 फीसदी हो गई
भारत में भी फरवरी की महंगाई दर घटकर 3.61 फीसदी हो गई, जो भारतीय रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे है. यह सात महीने का सबसे निचला स्तर है और रॉयटर्स के 3.98 फीसदी के अनुमान से भी कम रहा. साप्ताहिक एक्सपायरी के दिन बाजार सीमित दायरे में रहा और हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ. शुरुआत में सकारात्मक वैश्विक संकेतों से बढ़त देखने को मिली, लेकिन बड़े शेयरों में बिकवाली के दबाव ने निफ्टी को लाल निशान में धकेल दिया, जो आखिर में 22,397.20 पर बंद हुआ.
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लगभग 1 फीसदी तक फिसल गया
बैंकिंग सेक्टर को छोड़कर सभी प्रमुख इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए, जिसमें रियल्टी, ऑटो और मेटल शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही. व्यापक बाजार भी दबाव में रहा और लगभग 1 फीसदी तक फिसल गया. निफ्टी में चल रही मौजूदा स्थिरता के कारण निवेशक सतर्क बने हुए हैं, लेकिन जल्द ही 22,250-22,650 के दायरे से बाहर निकलने की संभावना है. इस बीच, ट्रेडर्स को स्टॉक-विशेष रणनीति अपनाते हुए अपनी पोजीशन का ध्यानपूर्वक प्रबंधन करना चाहिए. खासतौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में नुकसान बढ़ाने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनके कमजोर प्रदर्शन की संभावना बनी हुई है.
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