FII की शेयर बाजार में होगी वापसी! टैरिफ ऐलान के बाद भारत के लिए बना पॉजिटिव माहौल
बीते कुछ महीनों में विदेशी निवेशकों के भर-भर के बिकवाली की, जो हाल के वर्षों का सबसे लंबा बिकवाली का दौर था. इसके कारण भारतीय बाजार में दबाव देखने को मिला और कई सेक्टर्स में कमजोरी देखने को मिली. हालांकि, मार्च के अंत में FPI ने फिर से खरीदारी शुरू की, जिससे बाजार में थोड़ी मजबूती आई. अब ये देखना होगा कि क्या ट्रंप के टैरिफ के बाद विदेशी निवेशक भारत की ओर अपना रुख करेंगे?

FII Return In India: डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर भारतीय शेयर बाजार में चिंता बनी हुई थी, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि भारत पर लगाए गए टैरिफ चीन, वियतनाम जैसे देशों की तुलना में कम हैं. इस कारण, भारत की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर इसका असर सीमित रह सकता है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि इस कंडीशन में विदेशी निवेशक (FIIs) भारत में दोबारा रुख मोड़ सकते हैं.
क्या निवेशक वापस आएंगे?
इतिहास बताता है कि जब भी विदेशी निवेशक बिकवाली के लंबे दौर के बाद लौटते हैं, तो बाजार में अच्छा सुधार देखने को मिलता है. उदाहरण के लिए, 2008, 2018 और 2020 में ऐसा हो चुका है.
जानकारों का मानना है कि कम टैरिफ इंवेस्टर्स के लिए एक पॉजिटिव साइन हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है. ब्याज दरों, महंगाई, वैश्विक अनिश्चितता और भारतीय बाजार की वैल्यूएशन भी इसमें मुख्य भूमिका निभा सकते हैं
भारत की वैल्यूएशन अन्य देशों की तुलना में ज्यादा महंगी?
अगर भारतीय शेयर बाजार की तुलना अन्य बाजारों से की जाए, तो भारत का P/E (Price to Earnings Ratio) 19.3 है, जो ग्लोबल लेवल पर अधिक माना जाता है.
देश | P/E रेशियो |
भारत | 19.3 |
जापान | 12.9 |
इंडोनेशिया | 8.5 |
दक्षिण कोरिया | 9.5 |
जर्मनी | 9.6 |
हांगकांग | 9.9 |
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डेटा क्या कहता है?
अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो ताइवान और भारत से सबसे ज्यादा 14,285 मिलियन डॉलर यानी 1.4 लाख करोड़) की निकासी हुई है. इसके विपरीत, चीन और ब्राजील में निवेश बढ़ा है.
देश | FPI फ्लो ($ मिलियन डॉलर में) | अमेरिकी टैरिफ दर (%) |
ताइवान | -18,247 | 32 |
भारत | -14,285 | 27 |
दक्षिण कोरिया | -6,255 | 26 |
इंडोनेशिया | -1,830 | 32 |
मलेशिया | -2,249 | 24 |
वियतनाम | -1,046 | 46 |
फिलीपींस | -214 | 18 |
थाईलैंड | -1,084 | 37 |
चीन | +9650 | 34 |
ब्राजील | +1847 | 10 |
भारत बनाम बाकी दुनिया
ट्रम्प के नए टैरिफ के तहत विभिन्न देशों पर अलग-अलग टैरिफ लगाए गए हैं. भारत पर यह टैरिफ 27 फीसदी तक का है, जबकि चीन पर 54 फीसदी, वियतनाम पर 46 फीसदी, ताइवान पर 32 फीसदी, थाईलैंड पर 36 फीसदी और श्रीलंका पर 44 फीसदी तक का टैरिफ लगाया गया है.
भारत के लिए राहत
भारत के लिए यह राहत की बात है कि इस पर चीन की तुलना में कम टैरिफ लगे हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में कुल एक्सपोर्ट का योगदान सिर्फ 10 फीसदी है, जिसमें अमेरिका का हिस्सा मात्र 18 फीसदी है. इसके इतर, चीन की अर्थव्यवस्था में एक्सपोर्ट का योगदान 20 फीसदी है. इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था पर इन टैरिफ का असर सीमित रहेगा.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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