Share Market का Black Friday: निवेशकों के 5 लाख करोड़ स्वाहा, सेंसेक्स 1,017 और निफ्टी 292 अंक टूटा

शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में बंद हुए. निवेशकों पर वैश्विक और घरेलू कारण हावी होते दिखाई दे रहे हैं. वैश्विक बाजारों में मंगलवार से ही गिरावट का रुख जारी है. सप्ताह की शुरुआत में तो भारतीय बाजार वैश्विक बाजार के रुख से ज्यादा प्रभावित नहीं हुए. लेकिन, सप्ताह के आखिर में बड़ी गिरावाट देखने को मिली है.

शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई. Image Credit: freepik.com

भारतीय शेयर बाजारों के लिए शुक्रवार का दिन काला साबित हुआ. शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए. इस गिरावट के चलते निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. सेंसेक्स 1,017 अंक की गिरावट के साथ 81,183.93 अंक पर बंद हुआ वहीं, निफ्टी 292 अंकों की गिरावट के साथ 24,852.15 अंक पर बंद हुआ है. सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है. इसी तरह निफ्टी की 50 में से 42 कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है.

वैश्विक बाजारों में सप्ताह की शुरुआत से ही नरमी का रुख बना हुआ था, लेकिन भारतीय बाजार के निवेशक वैश्विक रुख का प्रतिरोध करते दिख रहे थे. आखिर शुक्रवार को सप्ताहंत से पहले यह प्रतिरोध टूट गया, जिसका नतीजा बड़ी गिरावट के तौर पर सामने आया है. गिरावट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बैंकिंग शेयरों की रही. बीएसई के बैंकिंग इंडेक्स बैंकेक्स और एनएसई के बैंक निफ्टी में शामिल सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई.

बैंक निफ्टी में SBI टॉप लूजर

सेबी की डेडलाइन से निवेशकों में घबराहट

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर कहते हैं कि आज घरेलू बाजार में एफआईआई के प्रकटीकरण मानदंडों पर सेबी की डेडलाइन समय सीमा के कारण घबराहट देखने को मिली. हालांकि, इससे लंबी अवधि में एफआईआई के लिए भारत के बाजार का आकर्षण कम नहीं होने वाला है. इसके अलावा बाजार में फिलहाल उत्प्रेरकों की कमी है. लिहाजा, उच्च मूल्यांकन के साथ अल्पावधि में एफआईआई कीे तरफ से हल्का मौन देखने को मिल सकता है. इसके अलावा वैश्विक बाजार भी गिरावट के पीछे अहम योगदान रखते हैं. अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डाटा के जारी होने से पहले वैश्विक बाजार सतर्क रुख अपना रहे हैं. इसके अलावा तेल की मांग घटने से क्रूड की कीमत 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. दूसरी ओर अमेरिका और चीन में मंदी की आशंकाओं को बढ़ रही हैं.