कैसा रहेगा इस साल दिवाली तक शेयर बाजार का हाल, छाई रहेगी रौनक, आएगी बड़ी गिरावट या बड़ा उछाल?

दिवाली पर अक्सर शेयर बाजार में भी रौनक आने की उम्मीद रहती है. हालांकि, इस बार दिवाली से पहले वैश्विक स्तर पर जारी मंदी की आशंकाओं का असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट बता रहे हैं उम्मीद और आशंकाओं के बीच कैसा रहेगा बाजार का हाल.

चीन के शेयर बाजार से ज्यादा बड़ा है भारत का स्टॉक मार्केट, लेकिन अब घटता जा रहा अंतर Image Credit: anand purohit/Moment/Getty Images

सुनील न्याती

दुनियाभर में जारी भारी उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच भारतीय शेयर बाजार अहम मोड़ पर है. साल का आधे से ज्यादा हिस्सा गुजर चुका है और देश का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली आने वाला है. अक्सर दिवाली के आसपास भारतीय बाजारों में रौनक रहती है. लेकिन, इस बार निवेशक जटिल वैश्विक परिदृश्य के बीच खुद को उलझा हुआ महसूस कर रहे हैं. हर निवेशक के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बाजार आगे किस दिशा में जाने वाला है.

बाजार का सटीक अनुमान मुश्किल

वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता की वजह से अगले कुछ महीनों के लिए बाजार का सटीक अनुमान लगाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है. खासतौर पर जब निफ्टी पहले ही इस साल में 10% से बढ़ चुका है. बहरहाल, मौजूदा स्तरों पर लार्ज-कैप सेगमेंट में वैल्यूएशन कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है. इसके अलावा मिड-कैप और स्मॉल-कैप में कई सेक्टर में ओवर वैल्यूएशन नजर आ रहा है. हालांकि, घरेलू लिक्विडिटी इस ओवर वैल्यूएशन को फिलहाल थामे हुए है.

ये हैं अनिश्चितता के बड़े कारण

इस साल दुनिया के 40 से ज्यादा बड़े देशो में चुनाव जारी हैं. इन देशों की घरेलू राजनीति की वजह से वैश्विक राजनीतिक संबंधो में भी नए समीकरण बन रहे हैं. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध, इस्राइल-हमास-ईरान संघर्ष, अमेरिका और चीन में मंदी की आहट बड़े कारण हैं, जिनकी वजह से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती को लेकर भी निवेशक संवेदनशील बने हुए हैं. इसके अलावा समग्र रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वहां होने वाले चुनावों के नतीजों को लेकर भी बाजार में चिंताएं हैं. जापान के शेयर बाजार पर भी बड़ी गिरावट का खतरा मंडरा रहा है.

जल्द मिलेंगे भारतीय बाजार में प्रवेश के मौके

तमाम निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार फिलहाल ओवरवैल्यूड नजर आ रहा है. इस लिहाज से बाजार में दिवाली से पहले अच्छे सुधार की संभावना बन रही है, जो निवेशकों मूल्यांकन निकट अवधि में सुधार को ट्रिगर कर सकते हैं, जो संभावित प्रवेश अवसर प्रस्तुत करता है। इसके अलावा वैश्विक अनिश्चितताओं का भारतीय अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता पर व्यापक रूप से खास असर पड़ने की आशंका कम ही है.

मिलेजुले नतीजे रुकावट नहीं

मौजूदा सत्र के मिलेजुले नतीजे देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार के लिए किसी तरह की रुकावट बनते नहीं दिख रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं, जिनसे आने वाले दिनों में बाजार में भी तेजी की उम्मीद की जा सकती है. मजबूत मानसून ग्रामीण क्षेत्रों में खपत की भावना को मजबूत बनाए हुए है. हालांकि, बैंकों के जमा में वृद्धि एक चुनौती बन रही है.

लगातार नई ऊंचाई पर बाजार

भारतीय बाजार हर दिन नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है. खासतौर पर इसे घरेलू निवेशकों और घरेलू बाजार की तरलता से मजबूती मिल रही है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) से भी प्रवाह में भी वृद्धि की उम्मीद बनी हुई है. खासतौर पर अगर अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो बड़ी तादाद में एफआईआई भारतीय बाजार की तरफ आकर्षित होंगे. मोटे तौर पर निफ्टी में मौजूदा स्तर से 5% की वृद्धि आ सकती है और दिवाली से पहले यह 26,500 के स्तर तक पहुंच सकता है.

क्या कह रहे तकनीकी संकेतक

तकनीकी नजरिये से देखें, तो निफ्टी 25,000 और सेंसेक्स 82,000 के शीर्ष के आसपास बने हुए हैं. निफ्टी के लिए 24,000 और सेंसेक्स के लिए 78,000 पर मजबूत सपोर्ट बना हुआ है. इसके अलावा अगर इस स्तर से ये नीचे जाते हैं, तो निफ्टी के लिए 23,000 और सेंसेक्स के लिए 76,000 पर मजबूत समर्थन बना हुआ है. इस तरह अगले कुछ महीनों में अगर बड़ी गिरावट भी आती है, तो निफ्टी के लिए व्यापक व्यापारिक सीमा 23,000 से 25,000 के बीच होगी. इसी तरह सेंसेक्स के लिए यह दायरा 76,000 से 82,000 के बीच रहने वाला है. अगर निफ्टी 25,000 और और सेंसेक्स 82,000 के स्तर से ऊपर बने रहते हैं, तो इनके आगे बढ़ने के लिए पूरा आकाश खुला हुआ है. हालांकि, इस बात की संभावना ज्यादा है कि हल्के उतार-चढ़ाव के साथ दिवाली तक बाजार मौजूदा स्तरों के आसपास ही बना रहेगा.


(लेखक स्वस्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के एमडी हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं. किसी भी तरह के निवेश का निर्णय अपने निवेश सलाहकार की राय से ही करें.)