सोना फिर हो रहा है महंगा, वायदा में बढ़ गए दाम, जानें क्यों आई तेजी

गोल्ड की कीमतें बुधवार को वायदा बाजार में करीब 1% तक चढ़ गई हैं. इसकी बढ़त का कारण निवेशकों का अमेरिका के फेडरल रिजर्व की इंटरेस्ट रेट पॉलिसी का इंतजार करना और ग्लोबल लेवल पर बढ़ती जियोपॉलिटिक्स टेंशन और घरेलू बाजार में बढ़ती डिमांड है

गोल्ड की कीमतों में आया उछाल Image Credit: @Tv9

बुधवार यानी 11 नवंबर को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतों में 1 फीसदी का उछाल देखने को मिला. सोने की कीमतों में बढ़त का कारण निवेशकों का अमेरिका के फेडरल रिजर्व की इंटरेस्ट रेट पॉलिसी का इंतजार करना और ग्लोबल लेवल पर बढ़ती जियोपॉलिटिक्स टेंशन और डोमेस्टिक स्पॉट मार्केट में बढ़ती मांग है. वहीं, फ्यूचर मार्केट मुंबई कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड की कीमत 5 फरवरी 2025 तक 78,885 रुपया प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है.

इंटरनेशनल मार्केट में भी बुधवार को सोने की कीमतें दो हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, क्योंकि इन्वेस्टर्स अमेरिकी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़ों का इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा, गुरुवार को आने वाले प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

आंकड़े मौद्रिक नीति पर डाल सकते हैं प्रभाव

अमेरिका में नवंबर में CPI बढ़ने का अनुमान है. जो कि 2.7 फीसदी हो सकता है, जबकि अक्टूबर में यह 2.6 फीसदी था. वहीं, नवंबर का PPI 2.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो अक्टूबर के 2.4 फीसदी से थोड़ा अधिक था. ये दोनों आंकड़े अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 18 दिसंबर को होने वाले मौद्रिक नीति निर्णय पर प्रभाव डाल सकते हैं.

जानकारों ने क्या सलाह दी

रिपोर्ट के अनुसार फेड रिजर्व ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है. हालांकि, जनवरी के अंत में बढ़ते इंफ्लेशन की चिंताओं के कारण यह कटौती टल भी सकती है. इसके साथ ही, मिडल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों से पहले सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. हालांकि, उनका मानना है कि गोल्ड का आउटलुक अभी भी सकारात्मक है.