12 महीने में 27,000 के स्तर पर पहुंचेगा Nifty, शेयर बाजार पर Goldman Sachs की भविष्यवाणी

गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं. 2025 में जीडीपी ग्रोथ में बड़ी गिरावट का डर जताया गया है. वहीं अगले साल निफ्टी का लक्ष्‍य 27000 बताया गया है. कौन-कौन से क्षेत्र होंगे फायदे में, जानें पूरी डिटेल.

12 महीने में 27,000 के स्तर पर पहुंचेगा Nifty Image Credit: FreePik

जियोपॉलिटिकल टेंशन और दुनियाभर में बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मजबूत बना रहेगा. यह दावा ग्लोबल निवेश बैंक Goldman Sachs की एक ताजा रिपोर्ट में किया गया है. इसके साथ ही अगले 12 महीनों में निफ्टी के 27,000 के स्तर तक पहुंचने की संभावना जताई गई है. यह खबर देशभर के निवेशकों के लिए आशा की किरण है, खासकर तब जब बाजार लाल निशान में गोते लगाए जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर, उभरते बाजारों में धीमी नीतिगत नरमी और अमेरिका द्वारा चीन पर संभावित टैरिफ बढ़ोतरी जारी रहने के आदेश जैसी वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत का शेयर बाजार बेहतरी के तरफ रुख करता रहेगा. भले ही इसकी गति धीमी हो.

2025 में भारत की GDP Growth 6.3% तक घटने की संभावना

गोल्डमैन सैक्स ने भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 2025 में 6.3% (वर्ष-दर-वर्ष) तक घटने का अनुमान लगाया है. गोल्डमैन सैक्स ने फिस्कल कंसोलिडेशन और RBI द्वारा उठाए गए ‘माइक्रो प्रूडेंशियल’ (जैसे रिस्क वेटेज में इजाफा) जैसे फैसलों को इसका मुख्य वजह बताया है. यह मंदी कॉर्पोरेट आय (EPS) पर असर डाल सकती है और इसमें कटौती की संभावना है. लेकिन राहत की बात यह है कि ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक जीडीपी स्लोडाउन के बावजूद देश की स्ट्रक्चरल ग्रोथ के बेहतरीन प्रदर्शन करने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे संभावित ट्रेड वॉर की आंच भारत पर नहीं आएगी.

शेयर बाजार की भविष्यवाणी

गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि शेयर बाजार शॉर्ट टर्म में सीमित दायरे में रहेगा. कमजोर इनकम और हाई वैल्यूएशन इसके अहम वजह है.

सेक्टोरल रणनीति और निवेश थीम

गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय इक्विटी पर Asia/EM 2025 आवंटन में न्यूट्रल रुख रखा है लेकिन सेक्टर वरीयताओं में बदलाव किया है. ऑटो, टेलीकॉम, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट और इंटरनेट जैसे घरेलू सेक्टर को मजबूत आय की संभावनाओं के चलते ओवरवेट (OW) रेटिंग दी गई है.

आईटी और फार्मास्युटिकल जैसे निर्यात क्षेत्रों को अपग्रेड किया गया है. स्थिर मांग, कमजोर रुपये के फायदे और डिफेंसिव गुणों के चलते इन सेक्टर को प्राथमिकता दी गई है.

‘क्वालिटी ग्रोथ’ पर जोर

पिछले कई दिनों से गोता लगा रहे भारतीय शेयर बाजार में ‘Bull’ की एंट्री के लिए गोल्डमैन सैक्स ने ‘क्वालिटी ग्रोथ’ रणनीति पर जोर दिया है. ब्रोकरेज हाउस ने इसके लिए चार मानक चुने हैं. इसमें मजबूत बैलेंस शीट, इनकम में बढ़त की संभावना, सकारात्मक EPS संशोधन और कम बीटा वाले शेयर शामिल हैं. मिड टर्म के निवेश के लिए हाउसिंग, कृषि, रक्षा, पर्यटन और हाई इनकम कंज्यूमर क्लास जैसे सेक्टर को प्राथमिकता दी गई है.