ट्रंप से भारत सहित अमेरिकी शेयर बाजार भी थर्राया! Goldman Sachs का अनुमान, दिख सकता है 30 फीसदी का करेक्शन
अमेरिकी वित्तीय एनालिस्ट गोल्डमैन सैक्स के विशलेषकों ने बीते दिनों US शेयर मार्केट को लेकर परेशान करने वाली बात कह दी है. सैक्स के मुताबिक, अमेरिकी शेयर बाजार, आने वाले समय में एक बड़े करेक्शन का सामना कर सकता है. यह करेक्शन साल 2025 में किसी भी वक्त आ सकता है.
President Donald Trump and Indian-US Share Market: 20 जनवरी, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली. वह दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव जीत कर वाइट हाउस में बतौर प्रेसिडेंट चुने गए हैं. ट्रंप के आने के बाद से ही कई आधार पर कई अलग-अलग सेक्टर कयास लगा रहे हैं. उन्हीं में से एक, शेयर मार्केट को लेकर भी लगाया गया है.
अमेरिकी वित्तीय एनालिस्ट गोल्डमैन सैक्स के विशलेषकों ने बीते दिनों US शेयर मार्केट को लेकर परेशान करने वाली बात कह दी है. सैक्स के मुताबिक, अमेरिकी शेयर बाजार, आने वाले समय में एक बड़े करेक्शन का सामना कर सकता है. यह करेक्शन 2025 में किसी भी वक्त आ सकता है.
भारतीय शेयर बाजार और ट्रंप
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से कयासों का दौर शुरू हो गया है. किसी का मानना है कि देश सहित भारतीय शेयर मार्केट के लिए ट्रंप का आना अच्छा हो सकता है तो कोई इसके विपरीत सोच रखता है. हम कोई कयास नहीं बल्कि आंकड़ा पेश करेंगे. ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के अगले दिन यानी मंगलवार को शेयर बाजार का कारोबारी सत्र खत्म हुआ और निवेशकों को बड़ा झटका मिल गया. 21 जनवरी को बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 1,235.08 अंक या 1.60 फीसदी गिरकर 75,838.36 पर बंद हुआ.
ये 7 महीनों में पहली बार था जब सूचकांक 76,000 अंक से नीचे बंद हुआ था. वहीं एनएसई निफ्टी भी 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ 23,024.65 पर बंद हुआ था. इतने बड़े स्तर पर होने वाले बिकवाली ने निवेशकों की 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का सफाया कर दिया था. इतनी बड़ी गिरावट का कारण ट्रंप की कुछ पॉलिसी को लेकर निवेशकों की सतर्कता के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, प्रेसिडेंट के लिए चुने जाने के बाद ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी.
बिकवाली जारी
इसके अलावा इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव अगर होता है तब उसका असर भी भारतीय टेक सेक्टर पर पड़ सकता है. इन तमाम आशंकाओं के कारण भारतीय मार्केट में बड़े स्तर पर बिकवाली देखने को मिली थी. उसके बाद से कल यानी शुक्रवार तक, भारतीय बाजार में लाल निशान या मामूली बढ़त के साथ बंद होता रहा है.
अमेरिकी बाजार भी ट्रंप की नीतियों से चिंतित
केवल भारत ही नहीं, खुद अमेरिकी बाजार भी ट्रंप की नीतियों को लेकर चिंता में है. गोल्डमैन सैक्स के विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों का प्रभाव काफी ज्यादा है. सबसे बड़ा प्रभाव, ट्रंप की टैरिफ नीति का हो सकता है. क्योंकि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी हद तक नुकसान पहुंच सकता है.
अमेरिकी शेयर बाजार करेक्शन का करेगा सामना?
गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अमेरिकी निवेशक, बड़े स्तर पर बाजार में निवेश कर रहे हैं. Benzinga की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी शेयर बाजार इस साल यानी 2025 में 30 फीसदी की भारी गिरावट का सामना कर सकता है. अगर ऐसा होता है तब अमेरिकी शेयर बाजार क्रैश जैसी स्थिति में पहुंच सकता है.
डिस्क्लेमर– Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.