एक दिन में 66,92,535% रिटर्न के पीछे ये है कहानी, इस एक फैसले से 3 रुपये का शेयर पहुंच गया 2 लाख के पार

Elcid Investmets के शेयर 3 रुपये से एक ही दिन में 2,36,250 रुपये पर पहुंच गए हैं. यानी निवेशकों के तीन रुपये 2,36,250 रुपये में तब्दील हो गए हैं. लेकिन ये हुआ कैसे और इसके पीछे की क्या है कहानी...

एल्सिड इंवेस्टमेंट के शेयर. Image Credit: Getty image

रिटर्न-रिटर्न और रिटर्न…. स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के बाद लोगों का ध्यान रिटर्न के कैलकुलेशन में लगा रहता है. कई बार कुछ स्टॉक निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दे देते हैं, लेकिन ये रिटर्न आमतौर पर एक टाइम पीरियड में मिलता है. जैसे – तीन महीने, छह महीने या फिर एक साल. लेकिन सिर्फ एक ही दिन में जब कोई शेयर 3 रुपये से दो लाख के पार पहुंच जाए, तो इसे सिर्फ मल्टीबैगर रिटर्न तो नहीं ही कहा जा सकता. ऐसा ही कुछ भारतीय शेयर बाजार में हुआ है. Elcid Investmets के शेयर 3 रुपये से एक ही दिन में 2,36,250 रुपये पर पहुंच गए हैं. यानी निवेशकों के तीन रुपये 2,36,250 रुपये में तब्दील हो गए हैं. लेकिन ये हुआ कैसे और इसके पीछे की कहानी क्या है… इसे थोड़ा समझ लिया जाए, क्योंकि एक स्पेशल प्राइस डिस्कवरी ऑक्शन में Elcid Investmets के शेयरों में इतना बंपर उछाल आया है.

मार्केट कैप और मार्केट वैल्यू

सबसे पहले मार्केट कैप और मार्केट वैल्यू समझ लेते हैं. बुक वैल्यू और मार्केट कैप किसी भी कंपनी के लिए अहम होता है. बुक वैल्यू में कंपनी की कुल संपत्ति यानी उसके पास क्या क्या ऐसे हैं, उसे शामिल किया जाता है. वहीं, मार्केट वैल्यू शेयरों की वैल्यू से तय होती है, जिसे मार्केट कैप कहा जाता है. अगर किसी कंपनी का बुक वैल्यू,

मार्केट कैप से अधिक हो जाती है तो फिर स्टॉक को अंडरवैल्यूड माना जाता है. वहीं, अगर मार्केट वैल्यू बुक वैल्यू से अधिक हो जाता है, तो शेयर ओवरवैल्यूड हो जाते हैं.

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स्पेशल प्राइस डिस्कवरी ऑप्शन

स्पेशल प्राइस डिस्कवरी ऑप्शन क्या है, इसे समझ लेते हैं. कुछ होल्डिंग कंपनियां दूसरी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. मान लीजिए एक होल्डिंग कंपनी है ट्रांस. इसके अपने शेयर भी मार्केट में हैं यानी लिस्टेड कंपनी है. इस कंपनी के पास 50 स्टॉक हैं, जिनकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर है. इस तरह 500 रुपये की वैल्यू के शेयर मार्केट में हैं. अब ट्रांस ने एक दूसरी कंपनी जीमो के 10 शेयर में 20 रुपये के भाव पर निवेश किया यानी 200 रुपये के शेयर खरीद लिए.

इस तरह उसकी बुक वैल्यू 200 रुपये की हो गई. फिर जीमो के शेयर तेजी से बढ़े और 500 रुपये के लेवल पर पहुंच गए. इस तरह ट्रांस का बुक वैल्यू भी बढ़ गया. लेकिन हुआ ये कि ट्रांस के शेयर के भाव बढ़े नहीं. जिनके पास ट्रांस के शेयर थे, उन्होंने कंपनी के बढ़ते बुक वैल्यू को देखकर शेयर बेचा नहीं, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि ये शेयर कभी-कभी न कभी तो बढ़ेगा ही. इस तरह शेयर में ट्रेड नहीं हुआ.

सेबी लेकर आई प्राइस डिस्कवरी ऑक्शन

ट्रांस जैसी कंपनियों के स्टॉक के सही प्राइस को पता लगाने के लिए प्राइस डिस्कवरी ऑक्शन को सेबी लेकर आई. जून 2024 में सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें इंवेस्टमेंट कंपनियों (ICs) और इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनियों (IHCs) की प्राइस डिस्कवरी में सुधार के लिए यह नियम लाया गया. सेबी ने पाया कि कई इंवेस्टमेंट कंपनियों और इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनियों के शेयर बुक वैल्यू से नीचे की लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं. निवेशकों की दिलचस्पी के लिए सेबी स्पेशल कॉल ऑक्शन का फ्रेमवर्क लेकर आई और इसके तहत कोई भी सर्किट लिमिट नहीं रखी गई.

ऐसे मिला रिटर्न

ट्रांस वाली स्थिति यहां Elcid Investmets के साथ हुई. Elcid Investmets के पास एशियन पेंट्स में 2.83 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू हाल के मार्केट वैल्यू के आधार पर लगभग 8,500 रुपये है. यह निवेश Elcid के लिए एक अहम एसेट है. एसेट बुक वैल्यू में जुड़ता है. इसके अलावा भी कई कंपनियों में इसकी हिस्सेदारी है.चूंकि इसके शेयर अंडरवैल्यूड थे, तो प्राइस डिस्कवरी ऑक्शन के तहत इसे लाया गया और बिडिंग कराई गई. इस बिडिंग में शेयर की कीमत 3 रुपये से 2 लाख रुपये के पार पहुंच गई.