निज्जर हत्याकांड से बिगड़े रिश्ते: भारत-कनाडा के बीच बढ़ते तनाव का निवेश पर असर?
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है. इस विवाद का असर दोनों देशों के आर्थिक संबंधों और विदेशी निवेश पर पड़ सकता है..
भारत और कनाडा के संबंधों में तकरार गहराती जा रही है. कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को ‘संदेह के घेरे में’ रखकर जांच शुरू की. कनाडा सरकार ने यह जांच को उनके जमीन पर हुए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ा . इसके बाद भारत ने भी अपने उच्चायुक्त और कई अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह पर लंबे समय से भारत-विरोधी खालिस्तानी तत्वों का समर्थन करने के आरोप लगे हैं. ट्रूडो ने भारत पर कनाडा की सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने और दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. वहीं, भारत ने ट्रूडो के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह घरेलू राजनीति के लिए भारत-विरोधी बयानबाजी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कनाडा के निवेशकों का भरोसा और भारतीय बाजार
जहां एक ओर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव बढ़ रहा है वहीं कनाडाई निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार की आर्थिक स्थिरता पर कायम है. कनाडाई निवेशक खासकर पेंशन फंड, नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों में विश्वास जताते हुए भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. हालांकि, अगर दोनों देशों के संबंध और बिगड़ते हैं तो कनाडाई निवेशकों के भारत से बाहर निकलने की आशंका भी जताई जा रही है.अगर ऐसा होता है तो बाजार पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा.
कनाडाई निवेश में बढ़ोतरी
हाल के वर्षों में कनाडा का भारतीय बाजार में निवेश तेजी से बढ़ा है. एशिया पैसिफिक फाउंडेशन ऑफ कनाडा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 से 2023 के बीच भारत और कनाडा ने एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था में लगभग 36.5 बिलियन कनाडाई डॉलर का निवेश किया. इस दौरान, कनाडा के निवेश में 1.55 बिलियन डॉलर से बढ़कर 3.9 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि हुई है.
कनाडाई पेंशन फंड ने पिछले पांच वर्षों (2019-2023) में भारत में 11.9 बिलियन कनाडाई डॉलर का निवेश किया है. सबसे बड़ा निवेश रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं और औद्योगिक परिवहन क्षेत्र में हुआ है.
तनाव के बीच निवेश पर सवाल
कूटनीतिक तनाव के चलते यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कनाडाई निवेशकों का भारतीय बाजार में भरोसा बना रहता है या नहीं. एशिया पैसिफिक फाउंडेशन ऑफ कनाडा के अनुसार, जब तक नए आंकड़े उपलब्ध नहीं होते, यह कहना मुश्किल है कि मौजूदा विवाद का निवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, कनाडा का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अभी भारत के कुल FDI प्रवाह का केवल 0.57 प्रतिशत है.
ऐसे में यह देखना होगा कि इस विवाद का असर लंबी अवधि में कैसे दिखाई देगा.