News9 Global Summit: 2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का जलवा, क्या भारत है इसके लिए तैयार? लीडर्स ने बताया

न्यूज9 ग्लोबल समिट में भारत-जर्मनी साझेदारी, इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य, और स्टार्टअप्स की भूमिका पर गहन चर्चा हुई. जानिए, क्या भारत तकनीकी नवाचार से वैश्विक सुपरपावर बन सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया. Image Credit: News9

जर्मनी के स्टटगार्ट में News9 Global Summit के दूसरे दिन, मोबिलिटी की बदलती दुनिया पर गहन चर्चा हुई. ‘फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी: को-ड्राइविंग द एजेंडा’ सेशन में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के दिग्गजों ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), बैटरी टेक्नोलॉजी, और स्वायत्त वाहन (Autonomous Vehicles) जैसे अहम मुद्दों पर विचार साझा किए. इस पैनल चर्चा का संचालन न्यूज9 के एग्जीक्यूटिव एडिटर कार्तिक मल्होत्रा ने किया, जिसमें मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी संतोष अय्यर, टाटा मोटर्स के सीएमओ शुभ्रांशु सिंह, हासिस के सीईओ सीगमार हासिस और पोर्शे कंसल्टिंग के सीनियर पार्टनर डॉ. हेगन राडोव्स्की ने हिस्सा लिया. सत्र का फोकस भारत और दुनिया भर में टिकाऊ मोबिलिटी के लिए तकनीकी और उपभोक्ता-आधारित समाधानों पर रहा.

फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी: EVs से आगे क्या?

पैनल ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को भविष्य की दिशा बताते हुए सहमति जताई. संतोष अय्यर ने कहा, “डिकार्बोनाइजेशन और परफॉर्मेंस के लिए इलेक्ट्रिक से बेहतर विकल्प नहीं है.” वहीं, डॉ. राडोव्स्की ने विभिन्न सेक्टर में अलग-अलग गति से बदलाव को देखते हुए प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने की जरूरत पर जोर दिया.

शुभ्रांशु सिंह ने भारत में EVs की बढ़ते मांग पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “नेक्सॉन EV केवल एक स्टाइलिश कार नहीं है बल्कि इसने 70% बाजार हिस्सेदारी के साथ उपभोक्ताओं को वैल्यू देता है.” संतोष अय्यर ने मर्सिडीज बेंज इंडिया की तकनीकी क्षमताओं का जिक्र करते हुए बताया कि बेंगलुरु फैसिलिटी में डिजिटल ट्विन्स का उपयोग कर EVs और पारंपरिक वाहनों का निर्माण एक ही लाइन पर हो रहा है.

बैटरी टेक्नोलॉजी: लिथियम बनाम सोडियम

बैटरियों के लिए चीन पर निर्भरता को लेकर सीगमार हासिस (CEO, Haasis) ने चिंता जताई. उन्होंने नई तकनीकों जैसे लिक्विड और सॉलिड-स्टेट बैटरियों को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया. सीगमार हासिस ने बताया कि वर्तमान में बैटरी प्रोडक्श चीन पर केंद्रित है लेकिन नई तकनीकों जैसे लिक्विड और सॉलिड-स्टेट बैटरियों के साथ नवाचार जरूरी है. टीसीजी के चेयरमैन पूर्णेंदु चटर्जी ने कहा, “सोडियम-आयन बैटरियों पर भारत का फोकस उसे आत्मनिर्भर बना सकता है. सही R&D के साथ भारत चीन को पीछे छोड़ सकता है.”

‘Unicorn Today, MNC Tomorrow’ सेशन में पूर्णेंदु चटर्जी ने कहा, “स्टार्टअप्स को भविष्य के व्यापारिक अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना होगा. आधार और UPI को छोड़कर ऐसा कोई भारतीय प्रोडक्ट नहीं है जो विश्व स्तर पर प्रशंसा पा सका हो. हमें अपने तकनीकी आधार को मजबूत करना होगा.”

स्वायत्त वाहन और AI का प्रभाव

Self Driving Vehicles पर चर्चा करते हुए, पोर्शे कंसल्टिंग के सीनियर पार्टनर डॉ. हेगन राडोव्स्की ने कहा, “ड्राइवरलेस कारों की राह में सबसे बड़ी बाधा पारंपरिक वाहनों का मौजूद होना है.” उन्होंने डिजिटल वेलिडेशन प्रोसेस को तेज करने की बात कही.

चर्चा के दौरान, पैनल ने यह भी कहा कि भारत का फोकस हाउसिंग, कृषि, रक्षा, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नवाचार पर होना चाहिए. सेशन के अंत में, विशेषज्ञों ने भारत और जर्मनी के बीच मजबूत साझेदारी की जरूरत पर जोर दिया.