लेबनान पर इजराइली बमबारी से थर्राया बाजार.! क्यों एक झटके में डूबे भारतीय निवेशकों के 4 लाख करोड़?
17 सितंबर से 27 सितंबर तक भारतीय बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार 8 कारोबारी सत्र तक हर दिन रिकॉर्ड हाई लेवल बनाते रहे. हालांकि, पिछले सप्ताह आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को बाजार लाल निशान में बंद हुए. इसके बाद सोमवार को दोनों बेंचमार्क इंडेक्स 1.5% के करीब गिर गए. सेंसेक्स जहां 1200 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 84,299.78 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 350 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 25,810.85 पर बंद हुआ.
भारतीय बाजार से विदेशी फंडों की निकासी और एशियाई बाजारों में कमजोरी के बीच सोमवार को बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट आई. भारतीय बाजार से पहले जापान का निक्केई सूचकांक भी करीब 5 फीसदी टूटकर बंद हुआ. भारतीय बाजार के प्रभावित होने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. इनमें लेबनान पर इजराइली हमलों को भी एक कारण माना जा रहा है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों, खासतौर पर यूरोपीय निवेशकों का चीनी बाजारों की तरफ आकर्षित होना भी एक कारण है.
बहरहाल, सोमवार को सेंसेक्स 1.49% यानी 1272.07 अंक की गिरावट के साथ 84,299.78 पर बंद हुआ. इसी तरफ निफ्टी 1.41% यानी 368.10 अंक की गिरावट के साथ 25,810.85 पर बंद हुआ. मोटे तौर पर बीएसई के तमाम इंडेक्स के निवेशकों को आज बाजार की गिरावट के चलत 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
17 सितंबर से 27 सितंबर तक भारतीय बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार 8 कारोबारी सत्र तक हर दिन रिकॉर्ड हाई लेवल बनाते रहे. हालांकि, पिछले सप्ताह आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को बाजार लाल निशान में बदं हुए. पिछले सप्ताह गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय निवेशकों को इस बारे में आगाह भी किया गया था कि वैश्विक कारणों से भारतीय बाजार भी प्रभावित हो सकते हैं.
इसके शुक्रवार को ही चीनी सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कारोबारियों की मदद के लिए कई एलान किए, जिनमें ब्याज दरों में कटौती भी शामिल है. चीन के बाजार करीब दो दशक के निचले स्तर पर हैं. चीन में घटती खपत के चलते यूरोप के लक्जरी ब्रांड की सेल्स में भी कमी आ रही है. ऐसे में यूरोपीय निवेशकों का मानना है कि वे चीन के बाजार में निवेश करते हैं, तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था जंप स्टार्ट हो सकती है.
पश्चिम एशिया का असर
भारतीय बाजार पर पश्चिम एशिया की अस्थिरता का अक्सर तुरंत असर पड़ता है. भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ईंधन की आपूर्ति का बड़ा हिस्सा पश्चिम एशिया से आता है. यही वजह है कि वहां के हालात की वजह से भारत की तेल कंपनियों, बैंकिंग सेक्टर और आईटी शेयरों में बड़ी गिरावट आई है. सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट रिलायंस इंडस्ट्रीज में देखने को मिली, जिसका मुख्य कारोबार ईंधन का ही है. रिलायंस के शेयरों में 3.23% की गिरावट आई है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर कहते है. पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम और चीन में ब्याज दरों में कटौती के चलते वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मची हुई है. चीन के बाजारों के 17 वर्ष के निचते स्तर पर होने और चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी के बाद भी चीनी सरकार के बड़े प्रोत्साहन पैकेज के चलते चीनी बाजार में फिर से उछाल आ रहा है. विदेशी निवेशक चीनी बाजार के उछाल का लाभ लेना चाहते हैं. इसके लिए भारतीय बाजार से निवेश को निकाल रहे हैं.
17 सितंबर से 27 सितंबर तक इस तरह बढ़ता रहा सेंसेक्स
डेट | ओपन | हाई | लो | क्लोज |
17/09/2024 | 83,084.63 | 83,152.41 | 82,866.68 | 83,079.66 |
18/09/2024 | 83,037.13 | 83,326.38 | 82,700.63 | 82,948.23 |
19/09/2024 | 83,359.17 | 83,773.61 | 83,071.66 | 83,184.80 |
20/09/2024 | 83,603.04 | 84,694.46 | 83,187.64 | 84,544.31 |
23/09/2024 | 84,651.15 | 84,980.53 | 84,607.38 | 84,928.61 |
24/09/2024 | 84,860.73 | 85,163.23 | 84,716.07 | 84,914.04 |
25/09/2024 | 84,836.45 | 85,247.42 | 84,743.04 | 85,169.87 |
26/09/2024 | 85,167.56 | 85,930.43 | 85,106.74 | 85,836.12 |
27/09/2024 | 85,893.84 | 85,978.25 | 85,474.58 | 85,571.85 |
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