एक दशक से मार्च रहा है निवेशकों के लिए मुनाफेवाला, क्या इस साल भी इनवेस्टर्स के जख्म पर लगेगा मरहम?

भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली का दौर जारी है. विदेशी निवेशकों ने अकेले फरवरी में 4.1 बिलियन डॉलर की बिकवाली की है. इस गिरावट के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं, लेकिन सबसे अधिक चिंता ट्रंप की टैरिफ नीति की अनिश्चितता को लेकर बनी हुई है. हालांकि, पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो निवेशकों की उम्मीदें मार्च से बढ़ गई हैं. पिछले 10 वर्षों में मार्च महीने का ट्रैक रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है.

निवेशकों को मार्च से काफी उम्मीद Image Credit: money9live.com

Share market news: भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. NSE निफ्टी 50 में लगातार पांचवें महीने में गिरावट हुई है, जो 1996 के बाद से सबसे लंबी गिरावट है. इंडेक्स अब सितंबर के अपने शिखर से 15 फीसदी नीचे है. इस गिरावट के चलते भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला वैश्विक बाजार बन गया है. निवेशकों में डर बना हुआ है क्योंकि कमजोर इनकम, विदेशी निवेशकों का लगातार पलायन और अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता बाजार पर असर डाल रही है.

इस गिरावट के कारण निवेशकों को लगभग 85 ट्रिलियन रुपये (लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर) की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. हालांकि, पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो मार्च का महीना निवेशकों के लिए फायदेमंद रहा है. इसी कारण इस साल भी निवेशकों की उम्मीदें मार्च से बढ़ी हुई हैं. आइए जानते हैं कि मार्च के पिछले 10 सालों के ट्रैक रिकॉर्ड पर एक्सपर्ट्स की क्या राय है.

विदेशी निवेशकों ने बेचे 25 बिलियन डॉलर के शेयर

सितंबर के अंत से अब तक विदेशी निवेशकों ने 25 बिलियन डॉलर की बिक्री की है, जिसमें से अकेले फरवरी में 4.1 बिलियन डॉलर की निकासी हुई है. आदित्य बिड़ला सन लाइफ एसेट मैनेजमेंट के सीआईओ महेश पाटिल का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता के कारण भारतीय बाजारों पर दबाव बना रहेगा. उनका कहना है कि भारत अभी कुछ और महीनों तक बिकवाली वाले बाजार के रूप में बना रह सकता है.

स्मॉल और मिड-कैप शेयरों पर गहरा असर

इस बिकवाली का असर लार्ज-कैप शेयरों की तुलना में स्मॉल और मिड-कैप शेयरों पर अधिक पड़ा है.

विश्लेषकों को आगे भी गिरावट की आशंका

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मार्च से निवेशकों को उम्मीदें

पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2016, 2017, 2019, 2021, 2022, 2023 और 2024 में निफ्टी निवेशकों के लिए मार्च मुनाफे का सौदा साबित हुआ है. जबकि 2015, 2018 और 2020 में गिरावट दर्ज की गई थी. JM Financial ने भी मार्च को निफ्टी के लिए सकारात्मक महीना बताया है, लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह ट्रेंड पिछले पांच महीनों से हो रही गिरावट की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता.