IndusInd बैंक में ऐसे चल रहा था FII और DII का खेल, जानें- अब किसके पास है सबसे अधिक हिस्सेदारी
IndusInd Bank FIIs and DIIs: इंडसइंड बैंक के लगभग 6.4 लाख शेयरधारकों को आज सुबह बड़ा झटका लगा, क्योंकि बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लगभग 1,577 करोड़ रुपये की गड़बड़ियों का खुलासा किया. इसके बाद बैंक के शेयरों में 26 फीसदी की गिरावट आई.
IndusInd Bank FIIs and DIIs: इंडसइंड बैंक को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इसके शेयरों में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है और यह अपने 52 वीक के निचले स्तर 674.55 पर आ गया है. इंडसइंड बैंक के शेयरों में गिरावट का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब उसने अपने डेरिवेटिव अकाउंटिंग में गड़बड़ियों का खुलासा किया. इस वजह से निवेशकों की चिंता बढ़ गई और फिर भारी बिकवाली देखने को मिली. मार्च 2020 के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयर में यह सबसे बड़ी गिरावट है. इस गिरावट के आंकड़े और डेरिवेटिव अकाउंटिंग में गड़बड़ियों के खुलासे के बीच अगर आप बैंक में शेयर होल्डिंग पैटर्न पर नजर डालेंगे, तो और हैरानी होगी.
विदेशों निवेशकों की बिकवाली
दरअसल, मार्च 2022 से दिसंबर 2024 के बीच फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) की इंडसइंड बैंक में होल्डिंग में एक दम 360 डिग्री बदलाव हुआ है. मार्च 2022 में FIIs की इंडसइंड बैंक में होल्डिंग 46.33 फीसदी थी और सितंबर 2022 में यह अपनी पीक 46.97 फीसदी थी. लेकिन इसके बाद से गिरावट की शुरुआत हुई और मार्च 2024 में यह 40.25 फीसदी पर आ गई. यानी 40 फीसदी के दायरे में आ गई है. जून 2024 में FIIs की हिस्सेदारी घटकर 38.40 फीसदी, सितंबर 2024 में 34.11 फीसदी और दिसंबर 2024 में यह घटकर 24.74 फीसदी हो गई.
घरेलू निवेशकों की खरीदारी
अब डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) की बढ़ती हिस्सेदारी पर नजर डालें, तो आपको पता चलेगा कि कैसे घरेलू निवेशकों ने इंडसइंड बैंक में जमकर खरीदारी की है. मार्च 2022 में DIIs की हिस्सेदारी 21.85 फीसदी थी. इसके बाद जून 2022 में यह मामूली घटी और 21.02 फीसदी पर आ गई. लेकिन जून 2022 के बाद से DIIs ने इंडसइंड बैंक में आक्रामक रूप से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई. यानी जिस तेजी से विदेशी निवेशकों ने अपनी होल्डिंग कम की, उसी रफ्तार से घरेलू निवेशकों ने अपनी होल्डिंग बढ़ाई.
सितंबर 2022 में इंडसइंड बैंक में DIIs की होल्डिंग 22.24 फीसदी हो गई. दिसंबर 2022 में 24.63 फीसदी, मार्च 2023 में हिस्सेदारी 26.54 फीसदी, सितंबर 2023 में 28.17 फीसदी और दिसंबर 2023 में होल्डिंग 26.21 फीसदी हो गई. मार्च 2024 से घरेलू निवेशकों ने तेजी से इंडसइंड बैंक में होल्डिंग बढ़ाई और यह 28.09 फीसदी हो गई. जून 2024 में 29.69 फीसदी, सितंबर 2024 में 34.06 फीसदी और दिसंबर 2024 में घरेलू निवेशकों की होल्डिंग 42.43 फीसदी हो गई.
डेरिवेटिव पोर्टफोलियो
इंडसइंड बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग गड़बडियों के बारे में जानकारी दी. इसके कारण शेयर की कीमत में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पिछले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग लागतों को कम करके आंका था. इस खुलासे ने बैंक को दिसंबर 2024 तक अपने नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपये के संभावित प्रभाव को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया है, जो 2.35 फीसदी के बराबर है.
इसका सबसे बड़ा असर इंडसइंड बैंक और उसके निवेशकों पर पड़ा है. पिछले एक साल में बैंक के शेयर में पहले ही 42 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. विश्लेषकों का मानना बैंक को लेकर निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं.