भारतीय शेयर बाजार की नींव मजबूत, हर करेक्शन देता है मजबूती: दीपक वाधवा
पिछले कुछ समय से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले पांच वर्षों में भारतीय शेयर बाजार में लगातार बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हालिया गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के दौर में धैर्य बनाए रखना सबसे अधिक जरूरी है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है.

पिछले पांच वर्षों में भारतीय शेयर बाजार ने लगातार ऊंचाइयां छुई हैं, लेकिन हाल ही में बाजार में आई गिरावट से निवेशकों में घबराहट देखने को मिल रही है. कई नए निवेशक, जिन्होंने सोशल मीडिया और फाइनेंस कोचों से प्रेरित होकर निवेश की दुनिया में कदम रखा था, अब बाजार की अस्थिरता से चिंतित हैं. इस संदर्भ में विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बाजार की मौजूदा स्थिति को समझते हुए धैर्य रखना सबसे महत्वपूर्ण है. Money9 के Financial Freedom Summit कई विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी.
इन्वेस्टमेंट जर्नी में धैर्य जरूरी: दीपक वाधवा
फाइनेंस विशेषज्ञ दीपक वाधवा (Deepak Wadhwa) ने कहा कि निवेश को एक लंबी यात्रा की तरह देखना चाहिए, न कि अल्पकालिक लाभ की उम्मीद में किया जाने वाला प्रयास. उन्होंने कहा, “अगर कोई निवेशक प्रतिदिन बाजार की स्थिति देखकर डर रहा है, तो उसे अपने निवेश के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. 2020 के बाद से बाजार में केवल तेजी देखी गई थी, लेकिन नए निवेशकों ने असली करेक्शन को नहीं देखा. करेक्शन स्वस्थ होता है और यह बाजार को मजबूती देता है.”
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय बाजार की बुनियाद मजबूत है. “क्या लोगों ने उपभोग करना बंद कर दिया? क्या पेट्रोल-डीजल की मांग खत्म हो गई? क्या मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद हो गया? नहीं, इसका मतलब है कि बाजार की बुनियादी स्थिति स्थिर बनी हुई है. एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) का एग्जिट बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकता है, लेकिन इंडियन रिटेल इन्वेस्टर्स मजबूती से बाजार को सहारा दे रहे हैं.”
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गिरावट में घबराने की जरूरत नहीं: संजय कथूरिया
वित्तीय सलाहकार संजय कथूरिया का कहना है कि हालिया गिरावट से कुछ निवेशक परेशान हो सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों को घबराने की जरूरत नहीं है. “सेल्फी लेने वाले निवेशकों की संख्या कम नहीं हुई, बल्कि बॉटम फिशिंग करने वालों की संख्या बढ़ी है. नए निवेशक जो तेजी में बाजार में आए थे, वे अब गिरावट में डर रहे हैं. लेकिन निवेश में धैर्य सबसे महत्वपूर्ण है.”
कथूरिया ने एक मजाकिया टिप्पणी साझा की, “कई निवेशक अब कह रहे हैं कि एसआईपी का नया फुल फॉर्म है – ‘सुसाइड बाय इन्वेस्टिंग पेशेंटली’, यानी धैर्यपूर्वक निवेश करके खुद को संकट में डालना. जबकि सच्चाई यह है कि धैर्य ही सबसे बड़ा हथियार है. अगर आप बाजार में सिर्फ हरियाली देखने के लिए आते हैं, तो आपको लाल रंग देखने की भी आदत डालनी होगी.”
बाजार में गिरावट वेल्थ बनाने का मौका: गजेंद्र कोठारी
गजेंद्र कोठारी, जो निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देते हैं, उन्होंने कहा कि मंदी के दौर में निवेशकों को बाजार से बाहर निकलने की गलती नहीं करनी चाहिए. “बुल मार्केट में निवेशक रिटर्न बनाते हैं, लेकिन बेयर मार्केट में वेल्थ बनती है. अगर आप लंबे समय तक निवेश करने जा रहे हैं, तो आपको भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि बाजार गिरे, ताकि आप कम कीमत पर अधिक यूनिट्स खरीद सकें.”
उन्होंने आगे कहा, “अगर निवेशक बाजार में हेजिंग को अपनाएं, तो वे भारी नुकसान से बच सकते हैं. सिर्फ 4-5% खर्च करके पूरे साल के लिए पोर्टफोलियो सुरक्षित किया जा सकता है. लेकिन अधिकतर निवेशक इसे नजरअंदाज कर देते हैं और फिर बाजार में गिरावट पर घबरा जाते हैं.”
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