स्टॉक मार्केट में गिरावट से निवेशक परेशान, सोशल मीडिया पर छलका दर्द
पिछले कुछ समय से शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि, शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन इससे निवेशक परेशान हो रहे हैं, खासकर वे, जो मार्केट में नए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्केट में हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए और लॉन्ग-टर्म निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए.

Indian stock market: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से गिरावट देखी जा रही है. इस गिरावट ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निवेशक अपनी चिंताओं को साझा कर रहे हैं और कई हास्यपूर्ण टिप्पणियां भी सामने आ रही हैं. हाल ही में Money9 के Financial Freedom Summit में Sanjay Kathuria ने सोशल मीडिया पर निवेशकों से मिलने वाली मजेदार टिप्पणियां साझा कीं और साथ ही उन्हें सतर्क भी किया. उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा बताते हुए कहा कि अब कई लोग इंस्टाग्राम पर लिखने लगे हैं, “सर, आपकी बात सुनकर हमने एसआईपी चालू की थी. आपने कहा था कि एसआईपी से निवेश बढ़ेगा.” एक यूजर ने मुझसे कहा- “सर, मैंने एसआईपी का नया फुल फॉर्म निकाला है.”
तब Sanjay Kathuria ने पूछा क्या? तो वह बोला-“सुसाइड बाय इन्वेस्टिंग पेशेंटली! यानी मैं धैर्यपूर्वक निवेश भी कर रहा हूं और मेरा सुसाइड भी हो रहा है.” फिर Kathuria ने उसे जवाब में लिखा- “निफ्टी.” तो वह पूछने लगा-“सर, यह क्या है?” उन्होंने कहा-“नो इनकम फॉर दिस ईयर! यानी इस साल तुम्हारी कोई कमाई नहीं होने वाली.” हालांकि, Sanjay Kathuria ने इसे मजाकिया अंदाज में बताया, लेकिन इसके जरिए उन्होंने निवेशकों को कुछ अहम बातें भी समझाईं.
भ्रामक जानकारियों से बचने की सलाह
शेयर बाजार और निवेश से जुड़ी गलत जानकारियों को रोकने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कई कड़े नियम लागू किए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये नियम आवश्यक हैं ताकि निवेशकों को भ्रामक दावों से बचाया जा सके और उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके.
Sanjay Kathuria ने कहा कि भारत में “क्विक रिच” स्कीमें बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जाती हैं. उन्होंने कहा—”अगर किसी को यह बताया जाए कि 21 दिन में पैसा डबल हो सकता है, तो लोग आकर्षित हो जाते हैं. खासकर वे लोग, जिनकी घरेलू बचत कम होती है, वे इसे अपने अमीर बनने का टिकट समझ लेते हैं. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए.”
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बढ़ता निवेश का दायरा
उन्होंने बताया कि 2019 तक देश में केवल 3.1 करोड़ डीमैट अकाउंट थे, लेकिन कोविड-19 के बाद सिर्फ 5 सालों में यह संख्या बढ़कर 20 करोड़ हो गई. यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारतीय निवेशक अब बाजार में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. हालांकि, हाल की गिरावट ने नए निवेशकों को डराने का काम किया है, जो पहले इतनी बड़ी गिरावट देखने के आदी नहीं थे.
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