कभी लैंडलाइन फोन बनाती थी ITI, अब काम Microsoft-Google जैसा, शेयरों में रैली ऐसी कि उड़ गए होश!

आज आपको एक ऐसी सरकारी कंपनी के बारे में बताने वाले हैं जो लैंडलाइन सेवाएं देती थी और आज इसने अपने कारोबार को ऐसे फैलाया कि सुन कर आपके होश उड़ जाएंगे. बीते कुछ दिनों में इसके शेयरों में ऐसी रैली आई है कि निवेशक मालामाल हो गए. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

ITI. Image Credit: freepik

बीते कुछ दिनों से ITI Limited जोरदार तेजी देखी गई थी. आलम यह था कि कंपनी के शेयर एक महीने में 65 फीसदी तक बढ़ गए. हालांकि अभी गिरावट का ट्रेंड देखा जा रहा है. आज के कारोबार में भी इसमें 10 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है. इसके बावजूद लगातार ये शेयर चर्चा में बना हुआ है जिससे निवेशकों में इसको लेकर काफी दिलचस्पी देखने को मिल रही है. कंपनी भारत की एक जानी-मानी सरकारी कंपनी है, जिसने देश में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के विकास में अहम भूमिका निभाई है. इस कंपनी का सफर 1948 में शुरू हुआ. जब यह भारत में टेलीफोन बनाने वाली एक मात्र कंपनी हुआ कर थी. लेकिन बदलते दौर के साथ कंपनी ने भी अपने को बहुत बदल लिया है. आज यह डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी सरकारी पहलों का एक मजबूत हिस्सा है. आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे साथ ही इसके शेयरों में हो रहे भारी-उतार चढ़ाव को विस्तार से जानेंगे.

बनाती थी डायल वाला फोन

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ITI लिमिटेड की स्थापना 1948 में इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के रूप में हुई थी. शुरुआत में इसे एक डिपार्टमेंटल फैक्टरी के रूप में शुरू किया गया था.

  • 1950: इसे एक सार्वजनिक कंपनी के रूप में शामिल किया गया.
  • 1958: कंपनी का नाम बदलकर इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया गया.
  • 1994: इसका नाम बदलकर ITI लिमिटेड रखा गया.

कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु में है. इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बेंगलुरु, नैनी, पालक्काड, रायबरेली, मंझकपुर और श्रीनगर में मौजूद हैं. इस समय ITI कई प्रकार के उत्पाद जैसे स्विचिंग उपकरण, ट्रांसमिशन उपकरण, और अन्य दूरसंचार समाधान बनाती है. इसके साथ ही यह क्लाउड सेवाएं, ईमेल, इंटरनेट और डेटा बैकअप जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है. बेंगलुरु में स्थित कंपनी का अनुसंधान एवं विकास केंद्र एन्क्रिप्शन, SCADA और वायरलेस उत्पादों पर काम करता है.

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ITI Limited के शेयरों का प्रदर्शन

आज के कारोबार में शेयर में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है. शेयर 11 बजकर 56 मिनट पर 8.48 फीसदी की गिरावट के साथ 438.95 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था. 7 जनवरी 2025 को 592.70 रुपये का हाई लगाने के बाद शेयर लगातार गिर रहा है. 25 अक्तूबर 2024 को शेयर 210 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था. जिसके बाद इसमे शानदार रैली देखी गई और सीधा 592.70 रुपये पर पहुंच गया. 2023 में इसने 193% की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की. लेकिन 2024 के लास्ट के कुछ महीने में इसमें तूफानी तेजी देखी गई. आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण जानते हैं

सरकारी नीतियों का सपोर्ट

ITI सरकार की “डिजिटल इंडिया” और “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. कंपनी ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और 5G टेक्नोलॉजी के रोलआउट में बड़ा योगदान दिया है.

बड़ी परियोजनाओं का हिस्सा

हाल ही में, ITI ने उत्तराखंड में माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सर्विलांस सिस्टम (MDTSS) के लिए 950 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट जीता है. इस परियोजना में कंपनी 40 चेक गेट्स का विकास, एग्जेक्यूशन और रखरखाव करेगी.

नवंबर 2024 में, कंपनी भरतनेट फेज 3 प्रोजेक्ट के तीन बड़े पैकेजों के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी (lowest bidder) बनी. इस परियोजना की कुल लागत 45.6 अरब रुपये है.

शेयर बाजार में कम फ्री फ्लोट

सकारी की इस कंपनी में 90% हिस्सेदारी है, जिससे बाजार में ITI के शेयरों की उपलब्धता (free float) बेहद कम है. कम उपलब्धता के कारण शेयर की मांग बढ़ने से कीमतें तेजी से देखी गई है. चूकि बाजार में डिमांड औ सप्लाई के हिसाब से चलता है. इसके लिए निवेशकों में काफी डिमांड देखने को मिल रहा है और शेयरों की सप्लाई बहुत कम है. जो इस तेजी का एक कारण है.

निवेशकों में क्यों बढ़ी डिमांड?

निवेशकों को लगता है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी की मजबूत जीत के बाद, सरकार अब विकास परियोजनाओं पर अधिक खर्च करेगी. इन आशाओं ने ITI जैसे सरकारी उपक्रमों के शेयरों में नई जान फूंकी है.

अचानक गिरावट क्यों आई?

BSE और NSE ने आईटीआई से इसके शेयर में अचानक आई तेज बढ़ोतरी पर स्पष्टीकरण मांगा था. पिछले दो दिनों (7 जनवरी से) में शेयर में 43% की वृद्धि हुई थी, जिसमें शुक्रवार को 20 फीसदी और सोमवार को 19 फीसदी की तेजी शामिल थी. इस असामान्य बढ़ोतरी को लेकर स्टॉक एक्सचेंज ने यह सुनिश्चित करने के लिए जांच शुरू की कि निवेशकों के पास कंपनी की सभी जानकारी हो. जिसके बाद इसके शेयर फिसलने लगे.

सोर्स-tradingview

पिछले कुछ साल रहे थे चुनौतीपूर्ण

ITI को हाल के सालों में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. पिछले पांच सालों से कंपनी की बिक्री और रेवेन्यू में लगातार गिरावट देखने को मिली है. इसके अलावा, पिछले दो सालों से कंपनी को अपने ऑपरेशनल प्रॉफिट में भी घाटे का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही, आईटीआई को नकदी की कमी जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ा है. लेकिन, हाल के बदलावों से लगता है कि कंपनी स्थिति को सुधारने की ओर बढ़ रही है. साथ ही कंपनी ने जून 2024 तिमाही में कंपनी ने अपने घाटे को कम किया है. कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठा रही है, जिससे भविष्य में बेहतर नतीजे देखने को मिल सकते हैं.

ITI Financial snapshot
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