कल्याण ज्वैलर्स के मालिकों पर एक और खुलासा, गिरवी रखे हैं 12.52 करोड़ शेयर्स, जानें कहां से उठाया पैसा

Kalyan Jewellers Share Price: कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों में फिर से गिरावट आई है, यह कंपनी के प्रोमोटर्स द्वारा शेयर्स गिरवी रखने की खबर के बाद हुई है. प्रमोटर्स ने 12 करोड़ से ज्यादा शेयर्स को गिरवी रख दिया है...

कल्याण ज्वैलर्स के प्रोमोटर्स ने शेयर्स गिरवी रखें Image Credit: Freepik/Canva

Kalyan Jewellers Promoters pledge shares holdings: कल्याण ज्वैलर्स को लेकर चल रहे विवाद के बीच मंगलवार, 21 जनवरी को Kalyan Jewellers India Limited के शेयरों में फिर से गिरावट देखने को मिली है. हालांकि इससे एक दिन पहले सोमवार को शेयर्स ने 6% की बढ़त हासिल की थी. सोमवार, 20 जनवरी को कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी के प्रमोटर्स ने शेयर्स गिरवी रखें हैं.

प्रमोटर्स ने कितने गिरवी रखे हैं शेयर्स

मंगलवार सुबह ट्रेडिंग के दौरान कल्याण ज्वैलर्स के शेयर्स में करीब 4 फीसदी की गिरावट आई है. दरअसल सोमवार शाम को कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि कंपनी के एक प्रमोटर, सीताराम त्रिक्कूर कल्याणारामन, ने अपनी हिस्सेदारी को कई संस्थाओं के पक्ष में गिरवी रख दिया है. इन स्टॉक्स को कई उद्देश्यों के लिए गिरवी रखा गया है.

प्रमोटर सीताराम त्रिक्कूर कल्याणारामन के पास कुल 18.60 करोड़ शेयर्स हैं यानी 18.04 फीसदी जिसमें से उन्होंने 6.3 करोड़ यानी 6.15 फीसदी शेयर्स 17 जनवरी 2025 को गिरिवी रख दिए हैं.

इसके अलावा रमेश त्रिक्कूर कल्याणारामन ने भी शेयर गिरवी रखे हैं. रमेश त्रिक्कूर कल्याणारामन के पास 18.60 करोड़ शेयर्स या 18.04 फीसदी हिस्सेदारी है जिसमें से उन्होंने 6.18 करोड़ या 5.99 फीसदी शेयर्स 17 जनवरी 2025 को गिरवी रख दिए हैं.

किन कंपनियों के पास गिरवी रखे शेयर्स?

सीताराम त्रिक्कूर कल्याणारामन और रमेश त्रिक्कूर कल्याणारामन, दोनों ने इन संस्थाओं के पक्ष में शेयर्स गिरवी रखें हैं ताकि इनसे लोन सर्विस ली जा सकें:

कब शुरू हुई थी कंपनी?

कल्‍याण ज्वेलर्स 1993 शुरू हुई थी. इस कंपनी को टीएस कल्याणरामन बनाया था. योर स्टोरी की रिपोर्ट के मुताबिक केरल के त्रिशूर में पहले वह अपने पिता के साथ उनके टेक्सटाइल कारोबार को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन बाद में उन्‍होंने ज्‍वेलरी इंडस्‍ट्री में कदम रखने का फैसला किया. उन्‍होंने इससे जुड़ा एक किस्‍सा साझा करते हुए बताया था कि उनकी कपड़ों की दुकान जिस गली में थी वहां कई ज्‍वेलरी की दुकानें थीं, जिसे देखकर उनके मन में इस क्षेत्र में कदम रखने का ख्‍याल आया था, तभी कल्‍याण ज्‍वैलर्स की नींव पड़ी थी.