सेंसेक्स-निफ्टी की चाल तय करेंगे ये 4 बड़े फैक्टर, जानें क्या रखें अपनी रणनीति

अगले हफ्ते शेयर बाजार में हलचल देखने को मिल सकती है. अमेरिकी नीतियां और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां मिलकर बाजार की दिशा तय करेंगी. सेंसेक्स और निफ्टी की चाल पर इन सब के अलावा कौन से फैक्टर असर डालेंगे, यह जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.

शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे ये बड़े ट्रिगर्स! Image Credit: Money9 Live

Week Ahead: भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है. इस हफ्ते, बाजार ने वैश्विक संकेतों के कारण दबाव में रहते हुए एक बार फिर गिरावट दर्ज की. अमेरिका और अन्य देशों के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते निवेशकों में सतर्कता देखी गई. इसके साथ ही, अगले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति, डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले और वैश्विक बाजारों के संकेतों पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी.

शुक्रवार को सेंसेक्स 200.85 अंक गिरकर 73,828.91 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 73.30 अंक गिरकर 22,397.20 पर बंद हुआ. इस गिरावट के पीछे रियल्टी, आईटी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में बिकवाली मुख्य कारण रही.

मार्केट कैप में भारी गिरावट

  • सेंसेक्स: 0.68 फीसदी की गिरावट
  • निफ्टी50: 0.69 फीसदी की गिरावट
  • मिडकैप इंडेक्स: 2.2 फीसदी की गिरावट
  • स्मॉलकैप इंडेक्स: 3.9 फीसदी की गिरावट

बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 1,71,623.67 करोड़ रुपये घटकर 3,91,12,994.41 करोड़ रुपये (लगभग $4.49 ट्रिलियन) रह गया. यह गिरावट विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के वजह से हुई है.

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अगले हफ्ते किन फैक्टर्स पर होगी नजर?

आने वाले सप्ताह में निवेशकों की नजर कुछ अहम कारकों पर रहेगी, जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं:

  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति: ब्याज दरों पर फैसला निवेश धारणा को प्रभावित कर सकता है.
  • डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले: नए टैरिफ प्लान का ऐलान बाजार पर असर डाल सकता है.
  • विदेशी निवेशकों की गतिविधि: एफआईआई की बिकवाली जारी रहती है या रुकती है, यह अहम रहेगा.
  • वैश्विक और घरेलू आर्थिक आंकड़े: महंगाई, औद्योगिक उत्पादन और अन्य आर्थिक संकेतकों पर नजर.

निवेशक फिलहाल सावधानी से ट्रेडिंग कर रहे हैं और बाजार में स्थिरता के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हालिया गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञ लंबी अवधि के निवेशकों को गुणवत्ता वाले स्टॉक्स पर फोकस करने की सलाह दे रहे हैं.