इन 6 कंपनियों पर है FPI का तगड़ा भरोसा, भारी बिकवाली के बीच 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी

पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली देखने को मिल रही है. 14 फरवरी तक, FPI ने इस महीने बाजार में 23,242 करोड़ रुपये की बिक्री की है. हालांकि, अभी भी कई कंपनियां हैं जिनमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है.

विदेशी निवेशक Image Credit: tv9 bharatvarsh

FPI holding: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अपनी बिकवाली जारी रखी है. 14 फरवरी तक, FPI ने इस महीने बाजार में 23,242 करोड़ रुपये की बिक्री की है, जिससे 2025 में कुल FPI की बिक्री 1,05,145 करोड़ रुपये हो गई है. हालांकि इस भारी बिकवाली के बावजूद, कुछ ऐसी कंपनियां हैं जहाँ FPI ने अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने दिसंबर 2024 तक ऐसी 6 कंपनियों की सूची तैयार की है. तो आइए जानते हैं इन कंपनियों के बारे में.

FPI की टॉप होल्डिंग्स

HDFC बैंक: FPI की हिस्सेदारी लगभग 56 फीसदी है, जिसका मूल्य 5,775 बिलियन रुपये है. यह भारत के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक है और FPI के लिए पसंदीदा निवेश बना हुआ है.

ICICI बैंक: ICICI बैंक में FPI की हिस्सेदारी लगभग 55.8 फीसदी है, जो 3,362 बिलियन रुपये के बराबर है. बैंकिंग सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन के कारण यह FPI के पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा है.

एक्सिस बैंक: एक्सिस बैंक में FPI की हिस्सेदारी लगभग 49.5 फीसदी है, जिसकी कुल कीमत 1,499 बिलियन रुपये है. बैंकिंग सेक्टर में इसकी मजबूत स्थिति ने FPI को आकर्षित किया है.

श्रीराम फाइनेंस: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) श्रीराम फाइनेंस में FPI की हिस्सेदारी करीब 53.1 फीसदी है, जो 577 अरब रुपये के निवेश के बराबर है.

कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS): CAMS में FPI की हिस्सेदारी करीब 57.7 फीसदी है, जिसकी कीमत 144 अरब रुपये है.

मैक्स हेल्थकेयर: मैक्स हेल्थकेयर में FPI की हिस्सेदारी करीब 56.9 फीसदी है, जिसका मूल्य 624 बिलियन रुपये है.

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2025 में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली

14 फरवरी तक, FII ने इस महीने मार्केट में 23,242 करोड़ रुपये की बिक्री की है, जिससे 2025 में कुल FII की बिक्री 1,05,145 करोड़ रुपये हो गई है. यह बिकवाली मुख्य रूप से अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव के कारण हुई, जिसने वैश्विक बाजारों को हिला दिया. प्राइम इन्फोबेस के डेटा के मुताबिक, फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर के शेयरों में शुद्ध बिकवाली देखी गई.

अन्य सेक्टरों में भी निकासी हुई, जिनमें फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) में 4,336 करोड़ रुपये, कैपिटल गुड्स में 3,206 करोड़ रुपये, तेल और गैस शेयरों में 2,434 करोड़ रुपये और कंज्यूमर सर्विस में 2,262 करोड़ रुपये की बिकवाली शामिल है. इसके विपरीत, टेलीकॉम और हेल्थकेयर स्टॉक्स में क्रमशः 2,337 करोड़ रुपये और 1,534 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.

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