दूरबीन से खोजने पर भी नहीं दिख रहे मल्टीबैगर, 12 गुना घट गई तादाद, 207 से घटकर रह गए सिर्फ 17
Share Market में अक्सर आम लोगों की दिलचस्पी Multibagger रिटर्न देने वाले स्टॉक्स की वजह से ही जागती है. ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर ऐसे स्टॉक्स की तलाश में रहते हें, जिन्हें वे Penny के भाव में खरीदें. लेकिन, जब बेचने जाएं, तो Blue chip स्टॉक्स के भाव पर बेच पाएं.
Retail Investors को आमतौर पर Multibaggers की तलाश रहती है. कई इन्वेस्टर्स तो बाजार से जुड़ते ही इसलिए हैं, ताकि कम से कम निवेश में मल्टीबैगर के जरिये मोटा मुनाफा बना सकें. लेकिन, मल्टीबैगर स्टॉक्स से पैसा बनने की कहानियां जितनी हसीन और सुहानी लगती हैं, मल्टीबैगर स्टॉक्स की तलाश करना उतना ही मुश्किल काम है. मौजूदा वित्त वर्ष में तो ऐसे स्टॉक्स की संख्या में 12 गुना की भारी कमी आई है.
क्या होते हैं मल्टीबैगर स्टॉक?
मल्टीबैगर स्टॉक ऐसे शेयर होते हैं, जो आपकी निवेश की गई राशि को कई गुना तक बढ़ा देते हैं. जब निवेश की गई राशि 10 गुना बढ़ती है, तो उसे टेनबैगर कहा जाता है, जब कोई स्टॉक कई बाद 10 गुना से ज्यादा रिटर्न देता है, तो उसे मल्टीबैगर कहा जाता है.
FY25 में खोजना हुआ मुश्किल
मौजूदा वित्त वर्ष यानी FY25 में निवेशकों के लिए मल्टीबैगर स्टॉक्स खोजना मुश्किल हो गया है. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक FY24 में 207 स्टॉक्स ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया. इन स्टॉक्स का मार्केट कैप 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. लेकिन, FY25 में मल्टीबैगर की संख्या घटकर 17 रह गई है. यह आंकड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि भारतीय बाजार लगातार मल्टीबैगर बनाने के लिए जाना जाता था. FY25 में 700 से ज्यादा ऐसे स्टॉक्स थे, जिनमें मल्टीबैगर बनने की संभावना थी, लेकिन इनमें से अब तक सिर्फ 17 ही मल्टीबैगर बन पाए हैं.
इन स्टॉक्स ने दिया सबसे ज्यादा रिटर्न
FY25 में पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट, शक्ति पंप्स, वी2 रिटेल, शैली इंजीनियरिंग प्लास्टिक्स, जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स, सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स और पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज कुछ ऐसे शेयर हैं, जिन्होंने बाजार के रुझान को मात देते हुए बंपर रिटर्न दिया है. खासतौर पर पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट ने मौजूदा वित्त वर्ष में 403% का रिटर्न दर्ज किया है, जो सबसे ज्यादा है.
क्या मल्टीबैगर्स के चल रहे बुरे दिन?
मल्टीबैगर बनने की क्षमता आमतौर पर मिड या स्मॉल कैप स्टॉक्स में रहती है. लेकिन, पिछले दिनों इन दोनों कैटेगरी के स्टॉक्स में जोरदार गिरावट हुई है. ऐसे में विशेषज्ञों की राय है कि जो निवेशक जोखिम उठाने की क्षमता नहीं रखते हैं, उन्हें रिटर्न की उम्मीद घटा लेनी चाहिए और हाई रिस्क मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स से दूर रहना चाहिए. ET की एक रिपोर्ट में अरिहंत कैपिटल के शोध प्रमुख अभिषेक जैन ने कहते हैं, “निवेशकों को अपनी रिटर्न संबंधी उम्मीदों को कम करना चाहिए, क्योंकि बाजार व्यापक आधार वाली तेजी के बजाय शेयर-विशिष्ट चरण की ओर बढ़ रहा है.”
मल्टीबैगर बनना बंद नहीं हुआ
भले ही बाजार के रुख और मिड व स्मॉल कैप स्टॉक्स में जारी बिकवाली के चलते मल्टीबैगर की संख्या घट गई है. लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि मल्टीबैगर स्टॉक्स बनना ही बंद हो गए हैं. हालांकि, अब ऐसे स्टॉक्स की तलाश थोड़ी मुश्किल हो गई है. इसके अलावा ऐसे स्टॉक्स को चुनते समय अब ज्यादा सावधानी और धैर्य की जरूरत है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.