शेयर मार्केट आज क्यों हुआ क्रैश? जानें- किस वजह से शुरू हो गई बाजार में भारी बिकवाली
निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कई वजहों से भारतीय शेयर मार्केट में आज बिकवाली ट्रिगर हुई है. आइए इन वजहों को समझ लेते हैं.
Why Stock Market Fall Today: भारतीय शेयर मार्केट में आज यानी शुक्रवार, 13 दिसंबर को भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सभी सेक्टर में बिकवाली नजर आ रही है, जिससे संसेक्स और निफ्टी एक फीसदी से अधिक की गिरावट देखने को मिल रही है. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भारी गिरावट आई है और ये इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान लगभग 2 फीसदी टूट गए हैं. बीएसई पर लिस्ट कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 458 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 451 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कई वजहों से भारतीय शेयर मार्केट में आज बिकवाली ट्रिगर हुई है. आइए इन वजहों को समझ लेते हैं.
डॉलर इंडेक्स
डॉलर इंडेक्स में तेजी आई है. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की चाल को ट्रैक करता है, जो 0.13 फीसदी बढ़कर 107.1 पर पहुंच गया. बढ़ता हुआ डॉलर इसलिए टेंशन का विषय है, क्योंकि इससे इपोर्टेड महंगाई दर बढ़ सकती है. इसके अलावा डॉलर के मजबूत होने से विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भारतीय इक्विटी में कम हो जाती है. क्योंकि यह उभरते मार्केट में निवेश को कम आकर्षक बनाता है और भारतीय कंपनियों के लिए डॉलर- कॉस्ट लोन की लागत बढ़ जाती है.
चीन से आई खबर के चलते दबाव में मेटल सेक्टर
निफ्टी मेटल इंडेक्स में 2.7 फीसदी की गिरावट आई. सेल, एनएमडीसी और हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में 3.5 फीसदी से 5.5 फीसदी तक की गिरावट देखी गई. इसके बाद चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की बात कही है. चीन ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय आर्थिक बैठक के दौरान अपनी हालिया नीतिगत बदलावों को दोहराया और ग्रोथ को बढ़ावा देने की योजनाओं पर जोर दिया. हालांकि, निवेशक संशय में हैं, क्योंकि अधिकारियों ने प्रस्तावित आर्थिक रिवाइवल के उपायों के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी है.
ग्रामीण महंगाई दर
अक्टूबर में RBI के तय लक्ष्य 6 फीसदी के बैंड को पार करने के बाद नवंबर में भारत की रिटेल महंगाई दर घटकर 5.48 फीसदी पर आ गई. सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट से महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे आई. हालांकि, ग्रामीण मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.68 फीसदी से बढ़कर 9.10 फीसदी हो गई, जबकि शहरी मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.62 फीसदी से बढ़कर 8.74 फीसदी हो गई. बढ़ी हुई यह महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के की अगली पॉलिसी रेट की समीझा में ब्याज दर में कटौती के फैसले को प्रभावित कर सकती है.
ग्लोबल मार्केट और बॉन्ड यील्ड
शुक्रवार को एशियाई शेयर मार्केट में गिरावट के बाद भारतीय इक्विटी बाजारों में भी गिरावट आई, क्योंकि डॉलर में मजबूती ने रिस्क सेंटीमेंट को कमजोर रखा. इस बीच, लंबी अवधि के यू.एस. ट्रेजरी यील्ड इस साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि के लिए तैयार हैं. 2025 में यूएस दरों में भारी कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं. मजबूत डॉलर और बॉन्ड यील्ड ने भारत जैसे उभरते बाजारों से विदेशी पूंजी के आउटफ्लो को बढ़ावा दिया.
कच्चे तेल में उछाल
ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स और यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट दोनों ही साप्ताहिक आधार पर 3 फीसदी से अधिक की बढ़त की ओर आगे बढ़ रहे हैं. रूस और ईरान पर कड़े प्रतिबंधों को लेकर चिंताओं के साथ-साथ इस उम्मीद से भी उछाल को बल मिला है कि चीन के प्रोत्साहन उपायों से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश में मांग बढ़ सकती है.