5 दिनों में 15% टूटा NMDC का शेयर, आज फिर बड़ी गिरावट

NMDC का शेयर 211 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है, पिछले 5 दिनों में कंपनी लगातार घाटे का सौदा बन रही है. लेकिन इसके पीछे की क्या वजह है, यहां जानें...

5 दिनों में 15% टूटा NMDC का शेयर, आज फिर बड़ी गिरावट Image Credit: TV9 Bharatvarsh

भारत की सबसे बड़ी आयरन ओर (लौह अयस्क) बनाने वाली कंपनी NMDC (नेशनल मिनरल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन) का शेयर लगातार 5 सेशन से गिरावट झेल रहा है. मंगलवार, 8 अक्टूबर को कारोबारी सत्र के दौरान सुबह इसके शेयर प्राइस में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. फिलहाल इसका शेयर 211 रुपये के आसपास है.

पिछले 5 कारोबारी सत्र में ये शेयर कुल 15% तक गिर चुका है. शेयरों में आज की गिरावट आयरन ओर की कीमतों के पांच महीने के उच्चतम स्तर से गिरने के बाद आई है. सिंगापुर में आयरन ओर फ्यूचर्स में 4% की गिरावट दर्ज हुई है.

सितंबर 2024 में, कंपनी ने 3.04 मिलियन टन (एमटी) का आयरन ओर बनाया, पिछले साल के इसी महीने में प्रोडक्शन 3 एमटी रहा यानी 1.3% की बढ़ोतरी हुई है. इसके अतिरिक्त, बिक्री में साल-दर-साल 13.8% की वृद्धि देखी गई है.

NMDC ने आयरन ओर की कीमतों में पहले बढ़ोतरी फिर कटौती की घोषणा की

हाल ही में कंपनी ने लंप ओर और फाइन्स की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. लंप ओर की कीमत में ₹400 प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है, जो अब ₹5,750 प्रति टन है, जबकि फाइन में भी ₹400 प्रति टन की वृद्धि देखी गई है, जिससे उनकी कीमत ₹5,010 प्रति टन हो गई है. ये कीमतें 1 अक्टूबर से लागू हो गईं हैं.

इस बढ़ोतरी से पहले NMDC ने लंप ओर की कीमत 600 रुपये प्रति टन घटा कर ₹5,350 कर दी थी और फाइन्स की ₹500 प्रति टन घटा कर ₹4,610.

अप्रैल-जून में दो बार कीमतों में बढ़ोतरी के बाद कंपनी ने दो बार कीमतों में कटौती भी की, पहला, 30 जून 2024 को लंप और फाइन्स दोनों के लिए ₹500 प्रति टन की कमी, और दूसरा, लंप के लिए ₹600 प्रति टन और फाइन्स के लिए ₹500 की कमी 7 अगस्त को की थी.

क्या कहती है ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट?

ब्रोकरेज कंपनी एलारा कैपिटल ने अनुमान लगाया था कि साल दर साल सेल्स में 2% की बढ़ोतरी होगी लेकिन तिमाही दर तिमाही (QoQ) 3% की गिरावट दर्ज हो सकती है.

नतीजतन, कंपनी का अनुमान है कि प्रति टन EBITDA में साल-दर-साल 33% की वृद्धि होगी लेकिन QoQ में लगभग 29% की कमी आएगी.

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया कि चीन से सस्ते आयात के साथ-साथ मानसून के मौसमी प्रभाव ने घरेलू कीमतों और मांग पर दबाव डाला है. हालांकि, इनपुट लागत में कमी से इन चुनौतियों को कुछ हद तक कम करने की उम्मीद है.