Small-Midcap में गिरावट पर सेबी प्रमुख बुच का बड़ा बयान, कहा- पिछले साल ही हाई वैल्युएशन पर चेताया था

सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने Small-Midcap में जारी गिरावट को लेकर कहा है कि फिलहाल सेबी को इसमें कुछ भी ऐसा नजर नहीं आ रहा है, जिसे लेकर कोई विशेष टिप्पणी की जाए. उन्होंने कहा कि जब बाजार नियामक को जरूरत लेगेगी, तो जरूर टिप्पणी की जाएगी.

SEBI प्रमुख माधवी बुच Image Credit: PTI Photos

बाजार नियामक SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार 21 फरवरी को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फिलहाल बाजार की स्थिति पर कोई टिप्पणी करने की जरूरत नहीं हैं. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे small और midcap स्टॉक्स में जारी गिरावट पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इसे लेकर उनके पास कहने के लिए कुछ भी खास नहीं है.

पिछले वर्ष मार्च में इन्हीं शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन पर दिए गए अपने बयान का हवाला देते हुए बुच ने कहा कि सेबी ने जब इसकी जरूरत महसूस की थी, तब हाई वैल्युएशन पर चिंता जाहिर की थी. मुंबई में AMFI के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मिडकैप और स्मॉलकैप के बारे में उनका मानना ​​है कि जब नियामकीय स्तर पर इस मामले में बयान देने की जरूरत महसूस हुई, तब बयान दिया गया. आज नियामकीय स्तर पर को अतिरिक्त बयान देने की कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है.

यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स मंदी के दौर में हैं कुछ शेयरों में 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट हो चुकी है. मार्च 2024 में बुच ने इन दोनों सेग्मेंट के हाई वैल्युएशन पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा, “बाजार में झाग के कुछ हिस्से हैं. कुछ लोग इसे बुलबुला कहते हैं, कुछ इसे झाग कह सकते हैं. इस झाग को बढ़ने देना उचित नहीं होगा.” इस बीच, बुच ने यह भी कहा कि नियामक का फंड हाउसों के लिए हाल ही में शुरू की गई 250 रुपये की व्यवस्थित निवेश योजना को अनिवार्य बनाने का कोई इरादा नहीं है.

क्या होती हैं स्मॉल और मिड कैप कंपनियां

मिड-कैप कंपनियां वे होती हैं, जो मार्केट कैप के मामले में 101 से 250 के बीच रैंक की जाती हैं. इनका मार्केट कैप 5,000 से 20,000 करोड़ रुपये होता है. मार्केट कैप के लिहाज से ये कंपनियां 251 वें स्थान से नीचे होती हैं और इनका मार्केट कैप 5,000 करोड़ रुपये तक होता है.