विदेशी निवेशक धड़ाधड़ बेच रहे शेयर, अभी तक की 1,12492 करोड़ रुपये की निकासी; क्या है वजह
विदेशी निवेशकों ने जनवरी में 81,903 करोड़ रुपये और फरवरी में एक्सचेंजों के माध्यम से 30,588 करोड़ रुपये के अतिरिक्त शेयर बेचे हैं. जबकि, एक्सपर्ट का कहना है कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने में रुचि लेंगे, जब भारत की आर्थिक विकास दर और कंपनियों के मुनाफे में सुधार होगा.
Share Market: फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) यानी विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. उन्होंने साल 2025 में अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपोजिटरी (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है. इन निवेशकों ने इस साल अब तक कुल 1,12,492 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में 81,903 करोड़ रुपये और फरवरी में एक्सचेंजों के माध्यम से 30,588 करोड़ रुपये के अतिरिक्त शेयर बेचे गए हैं. यह एक बड़ी राशि है और इसका भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ने लगा है. आलम यह है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है. निफ्टी इंडेक्स, जो शेयर बाजार की स्थिति को दर्शाता है, इसमें इस साल अब तक 4 फीसदी की गिरावट हुई है.
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क्या कहते हैं रणनीतिकार
एक्सपर्ट ने द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत के बाद अमेरिकी बाजार में बड़े पैमाने पर पैसा आया है. लेकिन चीन पोर्टफोलियो प्रवाह के लिए एक प्रमुख वैकल्पिक गंतव्य के रूप में उभरा है. एक्सपर्ट ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति की नई पहलों ने चीन में आर्थिक विकास की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, जिससे चीनी शेयर बाजार में तेजी आई है. चीन के शेयर बाजार में एक महीने में 18.7 फीसदी की तेजी आई, जबकि भारत के शेयर बाजार में 1.55 फीसदी की गिरावट हुई.
चीन के शेयर बाजार में बढ़ोतरी
एक्सपर्ट का कहना है कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने में रुचि लेंगे, जब भारत की आर्थिक विकास दर और कंपनियों के मुनाफे में सुधार होगा. उनके मुताबिक यह सुधार अगले कुछ महीनों में दिखाई दे सकता है. हालांकि, अक्टूबर 2024 से, भारत के मार्केट कैप लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर कम हो गया है, जबकि चीन के शेयर बाजार का मूल्य 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है.
यह FII प्रवाह में एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देता है. NSDL के डेटा से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अकेले जनवरी 2024 में भारतीय इक्विटी से लगभग 25,000 करोड़ रुपये निकाले, जबकि 2023 में 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पर्याप्त निवेश हुआ था.
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भारत की आर्थिक विकास दर
एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर और शेयर बाजार के मूल्यांकन को लेकर चिंताएं हैं. भारत के शेयर बाजार का मूल्यांकन अभी भी अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक है, जिससे विदेशी निवेशक अपने निवेश की समीक्षा कर रहे हैं.
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