Financial Freedom Summit में बोले NSE के MD चौहान, रिटेल निवेशकों का भरोसा ही सबसे बड़ी पूंजी
Money9 Financial Freedom Summit 2025 के तीसरे एडिशन में NSE के MD&CEO ने बताया कि किस तरह रिटेल इन्वेस्टर्स की बढ़ती भागीदारी से अर्थव्यवस्था नया आकार ले रही. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ी पूंजी रिटेल निवेशकों का भरोसा है.
National Stock Exchange (NSE) के MD&CEO आशीषकुमार चौहान ने 5 मार्च, 2025 को मुंबई में Money9 Financial Freedom Summit 2025 के तीसरे एडिशन को संबोधित किया. इस दौरान “How Increasing Participation of Retail Investors is shaping the Indian Economy” विषय पर बोलते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी देश में शेयर बाजार का चलना और बनना आसान नहीं है. क्योंकि, लोग पैसे को लेकर अपने भाई पर भरोसा नहीं करते ऐसे में अपनी पहुंच से हजारों किलोमीटर दूर किसी कंपनी के स्टॉक्स में उनका निवेश करना आसान नहीं है.
अनोखा है भारत का शेयर बाजार
चौहान ने कहा कि भारत का शेयर बाजार कई स्थापित आर्थिक सिद्धांतों से परे है. मसलन, कैपिटल मार्केट्स यानी शेयर बाजार को लेकर एक इकोनॉमिक थियरी कहती है कि जिन देशों की प्रति व्यक्ति आय कम होती हैं, वहां बचत कम होती है और ऐसे देशों में कैपिटल मार्केट विकसित नहीं हो सकते. लेकिन, भारत इस मामले में अपवाद है. यहां कम आय के बाद भी लोग निवेश कर रहे हैं. यही भारतीय बाजार की सबसे बड़ी पूंजी और कामयाबी है.
20 फीसदी परिवार कर रहे निवेश
चौहान ने भारतीय बाजार में रिटेल निवेशक की ताकत पर बात करते हुए कहा कि दुनिया में भारत अकेला देश है, जहां 3,000 डॉलर की सालाना प्रति व्यक्ति आय पर इतना विकसित कैपिटल मार्केट है. यहां तक कि 6 हजार और 12 हजार डॉलर प्रति व्यक्ति आय वाले देशों में भी इस तरह का बाजार नहीं है. भारत के बाद सिर्फ चीन ही ऐसा देश है, जहां लो पर कैपिटा इनकम के बावजूद एक विकसित कैपिटल मार्केट है.
चीन में सरकार को संभालना पड़ता है बाजार
चीन और भारतीय बाजार के बीच अंतर बताते हुए चौहान ने कहा कि जब चीन के शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो वहां की सरकार को स्टॉक्स में खरीदारी करनी पड़ती है. सरकार के दखल के बिना चीन का बाजार टिका नहीं रह सकता है. वहीं, भारत के बाजार में सरकार की तरफ से कभी कोई ऐसा दखल नहीं दिया जाता है. यहां जब बाजार गिरता है, तो रिटेल निवेशक मोर्चा संभालता है. यही वजह है कि देशी की करीब 33 फीसदी वेल्थ आज स्टॉक मार्केट में लगी है.