OLA के बुरे दिन.! CCPA ने थमाया सेवा में कमी का नोटिस, क्या फिर रिवर्स गियर में दौड़ेंगे कंपनी के शेयर?

देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचेन वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक लगातार सुर्खियों में है. कभी इसकी वजह कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल होते हैं, तो कभी शेयरों का उतार चढ़ाव और अब कंपनी ऐसी वजह से सुर्खियों में है, जो इसकी मुसीबत बढ़ा सकती है.

Ola के शेयरों में सोमवार को करीब 9 फीसदी की गिरावट आई Image Credit: Photo: PTI/olaelectric

ओला की हालत इन दिनों सिर मुढवाते ही ओले पड़ने जैसी हो गई है. कंपनी एक के बाद एक कंट्रोवर्सी में फंस रही है. अभी कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा का सोशल मीडिया युद्ध पूरा भी नहीं हुआ है कि कंपनी फिर चर्चा में है. इस बार कंपनी को एक उपभोक्ता निकाय ने सेवा में कमी के मामले में नोटिस थमाया है. कंपनी को इस मामले में उपभोक्ता अधिकार निकाय की जांच का सामना करना पड़ सकता है. अगर ऐसा होता है, तो पहले से ही गिरावट के दौर से गुजर रहे ओला इलेक्ट्रिक के शेयर रिवर्स गियर में तेजी से दौड लगा सकते हैं.

फिलहाल कंपनी को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सेवा दोष के एक मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का कंपनी को 15 दिन के भीतर जवाब देना होगा. सीसीपीए ने नोटिस में कंपनी की तरफ से दी जाने वाले सेवाओं से जुड़े मामलों के बारे में उठाई गई चिंताओं को लेकर जवाब मांगा है.

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाला से दावा किया गया है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर प्राप्त ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं. प्राधिकरण ने इन शिकायतों को ध्यान में रखकर कंपनी से जवाब मांगा है. अगर कंपनी 15 दिन के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाती है, तो प्राधिकरण अपने अधिकार क्षेत्र कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकता है.

दिलचस्प बात यह है कि ओलो इलेक्ट्रिक के खिलाफ यह नोटिस तब जारी किया गया है, जब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की तरफ से पहले ही कंपनी के खिलाफ सेवा की कमियों, अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रहा है, जिससे प्रभावित उपभोक्ताओं की ओर से सामूहिक कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है.

ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ खासतौर पर रिफंड से जुड़े मामलों को लेकर सेवा में कमी के आरोप लग रहे हैं. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को हजारों उपभोक्ताओं ने सेवा में देरी के बारे में अपना असंतोष व्यक्त किया है, जो उपभोक्ताओं के रूप में उनके अधिकारों के संभावित उल्लंघन का संकेत है. इसी वजह से सीसीपीए ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस का जवाब जारी करते हुए 15 दिन का समय दिया गया है.