सरकारी कंपनियां देंगी 1.4 लाख करोड़ का रिकॉर्ड डिविडेंड! अभी चेक कर लें अपना पोर्टफोलियो
PSUs Stocks: सरकारी कंपनियां (PSUs) इस वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 1.3-1.4 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने वाली हैं, जो निवेशकों, सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. यह डिविडेंड बढ़ने से सरकार को लगभग 10,000 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा, जिससे वित्तीय घाटा काबू में रखने में मदद मिलेगी.

PSU Dividend: अगर आपके पास PSU स्टॉक्स हैं तो इस बार आपको ज्यादा डिविडेंड मिलने की उम्मीद है. सरकारी कंपनियां यानी PSUs इस वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 1.3-1.4 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने वाली हैं. इससे सरकार को उम्मीद से ज्यादा का रेवेन्यू मिलेगा और वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) काबू में रखने में मदद मिलेगी. इससे PSU स्टॉक्स में निवेश करने वाले लाखों छोटे निवेशकों (Retail Investors) को भी फायदा मिलेगा. इस साल सरकारी कंपनियों का शानदार प्रदर्शन छोटे निवेशकों, सरकार और अर्थव्यवस्था तीनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, डिविडेंड देने के मामले में ये रिकॉर्ड होगा. 2023-24 में 1.2 लाख करोड़ का डिविडेंड बांटा गया था, इससे पहले 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ का डिविडेंड दिया गया था.
वित्त वर्ष | मुनाफा (लाख करोड़ रुपये में) | डिविडेंड (लाख करोड़ रुपये में) |
---|---|---|
2022-23 | 2.2 | 1.05 |
2023-24 | 3.2 | 1.2 |
2024-25* (अनुमानित) | 3.5 | 1.3-1.4 |
डिविडेंड क्यों बढ़ रहा है?
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी कंपनियों के मुनाफे में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अनुमान है कि PSUs का कुल मुनाफा पहली बार 3.5 लाख करोड़ के पार जाएगा, जो पिछले साल से 10% ज्यादा होगा. सरकार की नीति के अनुसार, कंपनियों को अपने मुनाफे का कम से कम 30% या नेटवर्थ का 4% डिविडेंड के रूप में देना ही होता है.
सरकार का क्या कहना है?
रिपोर्ट के अनुसार, DIPAM सचिव अरुणीश चावला ने कहा कि, “हम चाहते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (PSUs) स्टॉक मार्केट में एक आदर्श भूमिका निभाएं और निजी कंपनियों को भी सही डिविडेंड घोषित करने के लिए प्रेरित करें, ताकि आम निवेशकों का भरोसा बना रहे.”
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PSUs का शेयर बाजार में योगदान
फिलहला 266 PSUs में से 66 कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं. इनका डिविडेंड बढ़ने से सरकार को लगभग 10,000 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा, जिससे वित्तीय घाटा जीडीपी का 4.8% के टारगेट के आसपास रखा जा सकेगा. इस साल सरकार ने कुल डिविडेंड का टारगेट 2.9 लाख करोड़ रखा था, जिसमें RBI, पब्लिक सेक्टर बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों का डिविडेंड भी शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 में PSUs का कुल कैपेक्स 3.6 लाख करोड़ होगा, जो पिछले साल 3.5 लाख करोड़ था. 2025-26 में यह 20% बढ़कर 4.3 लाख करोड़ हो सकता है. सरकार यह पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टील, सीमेंट और अन्य क्षेत्रों में निवेश करने के लिए इस्तेमाल करेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी बन सकते हैं.
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